सिंधिया राजघराने का प्रभाव: ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में सिंधिया राजघराने का प्रभाव है। इस घराने के प्रमुख प्रतिनिधि के तौर पर ज्योतिरादित्य को महत्व मिलता है और आज भी यहां के लोग उन्होंने महाराज कहकर संबोधित करते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की छोटी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया शिवराज सरकार में मंत्री और शिवपुरी से विधायक हैं। वहीं, कांग्रेस मध्य प्रदेश में कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के नाम पर चुनाव लड़ रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। पर शाह ने सिंधिया पर व्यक्तिगत हमले करने से परहेज किया।
झाबुआ में महाराजा कहक किया था संबोधित: इससे पहले अपने इंदौर और उज्जैन दौरे पर शाह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर हमला किया था उन्होंने झाबुआ में रैली को संबोधित करते हुए यह भी कहा था कि शिवराज का मुकाबाला महाराजा और उद्योगपति से है। लेकिन ग्वालियर-चंबल संभाग में सिंधिया को टारगेट करने के बजाए शाह रराहुल गांधी पर अधिक हमलावर नजर आए। उन्होंने राहुल गांधी पर तंज भी कंसे औऱ जमकर निशाना भी साधा।
श्रीमंत कहकर किया संबोधित: ग्वालियर में राजमाता विजयराजे सिंधिया की छत्री पर पुष्प अर्पित करने के बाद उन्होंने विजयाराजे सिंधिया के भाजपा के प्रति समर्पण को याद करते हुए उन्हें पार्टी का आधार-स्तंभ बताया। इस दौरान उन्होंने विजयाराजे को राजमाता कहकर संबोधित किया तो कई बार उन्होंने ‘श्रीमंत’ शब्द का भी प्रयोग करते हुए ज्योतिरादित्य पर सीधा हमला करने से बचते नजर आए।
राजमाता को सच्ची श्रद्धांजलि होगी जीत: हालांकि शाह ने शिवपुरी में रैली को संबोधित करते हुए यह जरूर कहा कि, यहां भाजपा की जीत ही राजमाता को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में तो भाजपा की सरकार अंगद का पैर है और उसे मुखिया के रूप में देश भर में सर्वश्रेष्ठ काम करने वाला मुख्यमंत्री मिला है। कांग्रेस में किसी की हिम्मत नहीं है सरकार को हिला सके।