भदभदा के पास सुबह साढ़े 6 बजे से श्रमदान शुरू किया गया। इसमें पत्रिका स्टाफ के साथ शहर के कई सामाजिक संगठन श्रमदान में जुटे। अभियान की शुरुआत में 26 मई को शहर के कई स्वयंसेवी एवं सामाजिक संगठनों एवं जागरूक नागरिकों ने हाथ बंटाया था और पुल के नीचे तालाब की तलहटी में जमा पूजन सामग्री एवं बड़ी मात्रा में प्लास्टिक निकाला।
दूसरे सप्ताह तालाब का गहरीकरण और सफाई का काम किया गया। तालाब का संरक्षण केवल शासन-प्रशासन की ही नहीं बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी है। जीवनदायी जल स्रोतों को संरक्षित करने के लिए पत्रिका के अमृतं जलम् महाअभियान से जुड़ें।
गौरतलब है कि तालाब की तलहटी में मिट्टी जमने और मानवीय गतिविधियों से इसे खासा नुकसान हुआ है। इस रविवार श्रमदान करने के लिए गायत्री शक्तिपीठ, नर्मदा युवा संगठन, सिंधु सेना, वृक्षमित्र सुनील दुबे एवं उनकी टीम के साथ अन्य गणमान्य लोगों ने श्रमदान किया।
गायत्री शक्तिपीठ के कार्यकर्ताओं का कहना है कि बारिश से पहले जल संरक्षण करने का यह सबसे अच्छा प्रयास है। इसमें प्रत्येक नागरिक को एक साथ सहयोग करना चाहिए। क्योकि जल है तभी जीवन है। तालाबों साफ सुधरा होने व उसके गहरीकरण होने से धरती बूंद-बूंद से जल का संचय होगा।