मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्रों में नेताओं के ताबड़तोड़ दौरे जारी है। लेकिन इसी बीच राज्य निर्वाचन आयोग सख्त आदेश के आने के बाद प्रत्याशियों और स्टार प्रचारक चिंता में पड़ गए हैं। मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश ने महापौर और पार्षदों प्रत्याशियों की टेंशन बढ़ाते हुए कहा कि वर्तमान में नगरीय निकाय निर्वाचन में स्टार प्रचारक के संबंध में अभी कोई प्रावधान नहीं होने से इनका खर्च भई चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के निर्वाचन क्षेत्र में होने वाले खर्च को निर्वाचन व्यय माना जाएगा।
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दरअसल वर्तमान में निकाय चुनाव में स्टार प्रचारकों का प्रावधान नहीं है, जिससे प्रचार के दौरान इन पर होने वाले खर्च पर राज्य निर्वाचन आयोग की विशेष नजर रखनी होगी। निकाय चुनाव में प्रचार के लिए आने वाले स्टार प्रचारक और वरिष्ठ नेताओं का खर्च प्रत्याशियों के खाते में जोड़ा जाएगा। आयोग के नए फरमान से प्रत्याशियों को चुनावी बजट को मैनेज करने की समस्या आ गई है।
बताया जा रहा है कि बड़े नेता या स्टार प्रचारक के आने पर एक ही मंच से एक से अधिक प्रत्याशियों की सभा होने की स्थिति में खर्च को महापौर और पार्षद के प्रकरण में व्यय का विभाजन व्यय की अधिकतम सीमा के अनुपात में किया जाएगा। हालांकि यह भी स्पष्ट किया गया है कि निर्वाचन प्रचार के लिए दूसरे शहर से आने वाले लोगों पर होने वाले यात्रा व्यय को प्रत्याशियों के खर्च में शामिल नहीं किया जाएगा।