महिला एवं बाल विकास विभाग की पिछले माह हुई वीडियो कान्फ्रेंसिंग में श्रम विभाग के प्रमुख सचिव सचिन सिन्हा ने मैदानी अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि वे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं और समूह की सदस्य महिलाओं को योजना के बारे में विस्तार से बताएं. उन्हें बचत कर योजना में राशि जमा करने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बैठक में लोक सेवा केंद्र के अधिकारियों को बुलाकर जानकारी भी दी जा सकती है। यह काम हर हाल में 15 अगस्त तक पूरा करना है।
योजना के लिए प्रत्येक सदस्य को नामांकन करना होगा। इसके लिए पंजीयन करना पड़ेगा जो आनलाइन भी किया जा सकेगा। पंजीयन के समय दस्तावेज और बैंक से रोज दो रुपये के हिसाब से हर माह राशि काटने के लिए सहमति पत्र भी देना होगा। महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को रोज दो रुपये बचाने के लिए प्रोत्साहित करने का जिम्मा मैदानी अधिकारियों को सौंप दिया है। वहीं श्रम विभाग ने भी स्वसहायता समूह की महिलाओं में बचत की आदत डालने को कहा है। गौरतलब है कि प्रदेश में 97135 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें इतनी ही कार्यकर्ता और सहायिका भी कार्यरत हैं। वहीं प्रदेश में 3 लाख 40 हजार 949 स्वसहायता समूहों में 39 लाख 8 हजार महिला सदस्य हैं। इन सभी को पेंशन योजना से जोड़ने के प्रयास शुरू हो चुके हैं।