पहले डूबी थी कंपनी की 37 करोड़ की बैंक गारंटी
मुख्य सचिव एसआर मोहंती की अध्यक्षता में हुई बैठक में चितरंगी के सासन पॉवर प्रोजेक्ट की बात भी बैठक उठी। वहां रिलायंस की 37 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी डूबी थी। रिलायंस इससे पहले पीथमपुर में जमीन लेकर निवेश से मुंह मोड़ चुका है।
रिलायंस पुराने प्रोजेक्ट में भी छूट पर छूट चाहता है। इसके तहत रिलायंस ने प्रस्ताव में सरकार से दूसरी सुविधाएं भी मांगी हैं। इसमें 3200 एकड़ की दूसरी जमीन को वापस करने के लिए कहा है। इस जमीन को लेकर सरकार से पैसा वापस मांगा गया है। इसमें सरकार को भारी राशि चुकाना हो सकती है। फिलहाल सरकार इस पर सहमत नहीं है।
उलझा हुआ है मामला
रिलायंस ने अपने पिछले प्रोजेक्ट के करीब 600 करोड़ रुपए का ओवर-ड्यू छोडऩे की मांग की है। यह राशि रिलायंस को सरकार को देना है। यह राशि तभी छोड़ी जा सकती है, जब निवेश करने वाली संबंधित कंपनी एनपीए यानी डूबत खाते में आ जाए। इसके तय मापदंड हैं, इसलिए इस दायरे में रिलायंस कंपनी नहीं आती है। वित्त विभाग 2016 में सासन पॉवर प्रोजेक्ट के इस प्रस्ताव को खारिज कर चुका है। सरकार ने रिलायंस कंपनी से कहा है कि वह पहले यह साबित करे कि उनकी कंपनी एनपीए होने जा रही है, तभी उन्हें छूट देने पर विचार किया जा सकता है।
यहां दिखाएंगे जमीन
वरिष्ठ अधिकारियों की अहम बैठक में रिलायंस को नए प्रोजेक्ट के लिए जमीन दिखाना तय किया गया है। इसमें शिवपुरी के पाटस पढोरा नामक जगह पर 800 हेक्टेयर जमीन दिखाई जाएगी। यहां रिलायंस समूह ने 700 हेक्टेयर जमीन दो चरणों में मांगी है। वहीं इटारसी-टीकमगढ़ के पास नेशनल हाईवे से एक किमी दूरी पर भी जमीन दिखाई जाएगी। रिलायंस को यदि जमीन पसंद आती है, तो आगे प्रोजेक्ट पर चर्चा होगी।