लाखन सिंह ने कहा है कि योजना बहुत अच्छी है और पशुओं के लिए संजीवनी भी साबित हो रही है लेकिन उसके बेहतर संचालन के लिए केंद्र फंड उपलब्ध कराए। मंत्री ने केंद्रीय मंत्री से मिलने के लिए वक्त भी मांगा है। इस योजना के तहत टोल फ्री नंबर १९६२ पर कॉल कर एंबुलेंस को बुलाया जाता है।
एंबुलेंस में मौजूद वेटरनरी डॉक्टर कॉल करने वाले के घर पहुंचकर बीमार पशु का इलाज करता है। जनवरी में इस योजना को नए सिरे से लागू किया गया। तब से लेकर अब तक इस योजना के तहत करीब तीन लाख पशुओं का इलाज हो चुका है।
उत्तर प्रदेश ने मध्यप्रदेश से ली जानकारी :
हाल ही में मथुरा में प्रधानमंत्री ने पशु आरोग्य मेले का उद्घाटन किया। इस मेले में मध्यप्रदेश के पशुपालन विभाग का स्टॉल भी लगा था। इस स्टॉल में प्रदेश में गायों के संरक्षण और संवद्र्धन के साथ ही पशु संजीवनी योजना के भी पोस्टर लगाए गए थे। प्रधानमंत्री ने प्रदेश के स्टॉल पर पशु संजीवनी योजना के बारे में पूछा और उसकी तारीफ की। पीएम ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस योजना को तत्काल लागू करने को कहा। उत्तरप्रदेश में भी गौ संरक्षण के लिए बहुत काम हो रहा है इसलिए मोदी ने यूपी से इस योजना की शुरुआत की।
इस तरह की है योजना :
इस योजना के तहत हर ब्लॉक में एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई हैं। इस वैन में पैरामेडिकल स्टॉफ और दवाएं हर वक्त मौजूद रहती हैं। पशुपालक फोन कर पशु की बीमारी के लक्षण बताता है। बीमारी के लक्षण के आधार पर ये तय होता है कि इलाज के लिए कितनी देर में पहुंचना है। डॉक्टर एसएमएस के जरिए पशुपालक तक ये सारी सूचना भेज देते हैं। ये सारा इलाज निशुल्क किया जाता है।
येाजना के तहत पशुपालक को घर पर ही गाय,भैंस,बकरी जैसे सभी जनवरों के इलाज की सुविधा मिलती है। पशुओं को संक्रामक बीमारी से बचाने टीकाकरण किया जाता है। पशुपालक को कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा भी घर बैठे मिलती है। पशुओं के उचित आहर और बेहतर स्वास्थ्य के बारे में भी बताया जाता है। इतना ही नहीं १९६२ टोल फ्री नंबर पर पशुओं से जुड़ी योजनाओं की भी पूरी जानकारी मिलती है। ये योजना शिवराज सरकार ने २ अक्टूबर २०१८ को लागू की थी लेकिन ये चल नहीं पाई। कांग्रेस सरकार ने जनवरी में इसमें सुधार कर नए सिरे से लागू किया।