शिवाजी नगर निवासी अन्विता सिंह सिकरवार आइआइटी दिल्ली की ब्रिलिएंट स्कॉलर रही हैं। वे इस समय प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रही हैं। उन्होंने फस्र्ट अटेम्प्ट में आइएएस की लिखित परीक्षा पास की। अपनी तैयारी के समय में से नियमित रूप से टाइम निकालकर सिटी के बरखेड़ी इलाके की साधनहीन गरीब बेटियों और बच्चों को मैथ्स, कॉमर्स, साइंस आदि निशुल्क पढ़ा रही हैं। इनमें मुस्लिम समाज की वे बेटियां और बच्चे सबसे अधिक हैं, जिनके यहां पढ़ाई के समुचित संसाधन नहीं थे। जो ट्यूशन की फीस नहीं दे सकते, वे बेझिझक अन्विता दीदी से सवाल पूछते हैं। जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा में मदद करने की प्रेरणा उन्हें अपने माता-पिता से मिली है।
इसके सिवा अन्विता इन बच्चों को फाइन आट्र्स के बारे में भी बताती हैं। उन्होंने चित्रकारी अपनी नानी गिरिजा सिंह से सीखी है। पॉटरी पेंटिंग, सेरामिक आर्ट, क्ले आर्ट में काफी अच्छा काम किया है। दिल्ली में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान उन्होंने गरीब बच्चों को तीन वर्षों तक निशुल्क पढ़ाया। इसके साथ युवाओं व समाज को जागरूक करने के लिए दिल्ली में साथियों के साथ इंडिया गेट, दिल्ली हाट, इंडिया हेरिटेज सेंटर समेत कई स्थानों पर स्टेज प्ले और स्ट्रीट प्ले भी किए। अन्विता ने ब्लाइंड बच्चों के लिए कई बुक्स और स्टडी मैटेरियल तैयार किया, जिन्हें बे्रल में छापकर और ऑडियो के माध्यम से उन बच्चों तक पहुंचाया गया।
मिल चुके कई अवॉर्ड
अभी तक कई अवॉर्ड अन्विता सिंह के नाम हो चुके हैं। उन्हें वर्ष 2011-12 में आइआइटी दिल्ली के बोर्ड फॉर रिक्रिएशन एंड कल्चरल एक्टिविटी ने बेस्ट फ्रेशर अवॉर्ड से अलंकृत किया। वर्ष 2012-13 सिविल इंजीनियरिंग सोसायटी ने उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया। वर्ष 2014-15 आइआइटी दिल्ली ने हिमाद्री हाउस की होम सेके्रटरी व फ्रीडम ऑफ द हाउस के दो प्रतिष्ठित अवॉर्ड से सम्मानित किया। इनके सिवा भी कई अवॉर्ड उन्हें प्रदान किए जा चुके हैं।