गौरतलब है कि 12वीं में इस वर्ष 90 हजार 999 विद्यार्थियों तो 10वीं के एक लाख 35 हजार 299 विद्यार्थी पूरक में आए हैं। इनकी परीक्षा तीन जुलाई को आयोजित की जाएंगी। बोर्ड ने पिछले साल रिजल्ट सुधारने के लिए बेस्ट ऑफ फाइव योजना शुरू की।
इसमें किन्हीं पांच विषयों में सबसे ज्यादा नंबरों को ही जोड़ा जाता है। विद्यार्थी एक विषय में अनुत्तीर्ण हो तो भी उसे उत्तीर्ण घोषित किया जाता है। इस वर्ष प्रत्येक विषय में मॉडल बनवाकर अधिकतम 20 अंक दिए गए।
इसके बावजूद 12वीं के रिजल्ट में पिछले वर्ष के 68.07 फीसदी के मुकाबले केवल 4.30 फीसदी की बढ़त ही देखी गई। 10वीं का रिजल्ट पिछले साल से खराब रहा है। पिछले वर्ष 66.54 फीसदी विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए थे, वहीं इस वर्ष 61.32 फीसदी विद्यार्थी ही उत्तीर्ण हो सके।