विधानसभा में दो दर्जन से अधिक पदों पर नियुक्तियां की जा रही हैं। इसमें सभी पद तृतीय श्रेणी हैं। नियुक्ति के मामले में नियमों को दर किनार किए जाने पर कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं। सचिवालय नियुक्ति तो कर रहा है लेकिन इसके लिए विज्ञापन प्रकाशित कर आवेदन नहीं बुलाए गए। आमतौर पर तृतीय श्रेणी पदों की नियुक्ति के लिए प्रोफेशनल एक्जामनेशन बोर्ड (पीईबी) चयन परीक्षाएं लेता है, लेकिन यहां के लिए एेसा नहीं हो रहा है। आरक्षण नियमों का पालन नहीं होने के आरोप भी लगे हैं। यहां हो रही नियुक्तियों में दिव्यांग के लिए आरक्षण नहीं है।
उपाध्यक्ष ने यह लिखा पत्र में
विधानसभा सचिवालय में गोपनीय ढंग से नियुक्तियां की जा रही हैं। रिक्त पदों के संबंध में विज्ञापन जारी किया जाना चाहिए था, लेकिन एेसा नहीं किया गया। इस तरह की भर्ती प्रक्रिया से विधानसभा जैसे संवैधानिक संस्था की छवि धूमिल हो रही है। जिससे प्रदेश के बेरोजगार युवाओं में रोष होगा। इस भर्ती प्रक्रिया में योग्य उम्मीदवारों की सेवाएं लेने से सचिवालय वंचित रहेगा। एेसी भर्ती प्रक्रिया से कोई बेरोजगार न्यायालय की शरण में अथवा लोकायुक्त आदि संस्थाओं में शिकायत कर सकता है। इससे विधानसभा सचिवालय की स्थिति शंका के दायरे में आ जाएगी।
नियुक्तियों में नियम प्रक्रिया का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। रोजगार कार्यालयों से नाम मंगाए गए हैं। उपाध्यक्ष को शायद गलत जानकारी मिली है। उन्हें कोई गलतफहमी है तो उसे दूर कर दिया जाएगा।
डॉ. सीतासरन शर्मा, अध्यक्ष मध्यप्रदेश विधानसभा