उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र चौहानों की राजधानी थी। इस क्षेत्र में 27 मंदिर थे जिन्हें मस्जिद बनाने के लिए पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वहां गणेशजी सहित अनेक मूर्तियां हैं। मस्जिद की जगह पर अरबी में लिखे अभिलेखों में इस बात का उल्लेख भी किया गया है। इतना ही नहीं ताजूर मासिर नामक किताब में भी इस बात का जिक्र किया गया है।
हालांकि केके मुहम्मद ने इसी मस्जिद के पास बनी कुतुब मीनार को पूरी तरह इस्लामिक इमारत करार दिया. आर्कियोलाजी सर्वे ऑफ इंडिया के पूर्व रीजनल डायरेक्टर के मुताबिक कुतुब मीनार का कॉन्सेप्ट पूरी तरह से इस्लामिक है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में कुतुब मीनार का निर्माण प्रारंभ करने से पहले काजासिया पोश, सियापोस, काजा में भी इसे बनाया गया था।
इससे पहले केके मोहम्मद ने रामजन्मभूमि विवाद पर बयान देते हुए कहा था कि ज्यादातर मुसलमान अयोध्या में राम मंदिर के लिए जमीन देने के लिए सहमत हो गए थे, लेकिन उन्हें वामपंथियों ने भड़का दिया था। गौरतलब है कि उन्होंने ही अयोध्या में विवादित स्थल पर श्रीराम मंदिर के अवशेष खोजे थे। बाबरी मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेषों का पता लगाने और साक्ष्य खोजनेवाले वे पहले व्यक्ति थे। उन्होंने ही इस बात का खुलासा किया कि कैसे मंदिर के खंभों पर मस्जिद बनाई गई थी। इसी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में निर्णय दिया जिससे मंदिर निर्माण की राह प्रशस्त हुई।