डीआईजी को आयोग के नोटिसों का जबाब नहीं देने एवं आयोग द्वारा जारी निर्देशों का पालन नहीं करने के मामले में आकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने कहा गया है। न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन ने भोपाल आइजी ए साईं मनोहर को पत्र भेजकर कहा है कि 31 मार्च को यदि डीआइजी स्वयं आकर जवाब नहीं देते हैं तो गिरफ्तारी कर आयोग का नोटिस तामील करवाएं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल लगभग एक दर्जन मामलों में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर भोपाल पुलिस एवं डीआइजी भोपाल से जवाब मांगा था लेकिन किसी भी प्रकरण में डीआइजी कार्यालय द्वारा मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन को जवाब नहीं भेजा गया। आयोग ने भोपाल डीआइजी के इस रवैया पर गहरी आपत्ति दर्ज करवाई है।
यह रहे चर्चित मामले
– पुलिस हेडक्वार्टर में कांस्टेबल के पद पर पदस्थ कर्मी की बेटी को कोलार निवासी आरोपी ने अपहरण कर अपने पास रखकर उसका यौन शोषण किया जिसके बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई पिता ने कोलार टीआई एवं डीआइजी पर सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाया था।
– पुलिस हेडक्वार्टर में कांस्टेबल के पद पर पदस्थ कर्मी की बेटी को कोलार निवासी आरोपी ने अपहरण कर अपने पास रखकर उसका यौन शोषण किया जिसके बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई पिता ने कोलार टीआई एवं डीआइजी पर सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाया था।
– छोला मंदिर थाने में एक युवक पर अपनी बेटी के अपहरण की रिपोर्ट लिखाने पहुंची मां को थाने के प्रधान आरक्षक ने कह दिया था कि अब बेटी जिस युवक के साथ भागी है उसमें सरनेम बेटी के नाम के साथ लिखना शुरू कर दो। मां के साथ थाने में अभद्रता की गई थी।
– अयोध्या नगर थाने में मिनाल रेसीडेंसी के पास हुए एक हमले में घायल युवक को रात भर खून से लथपथ अवस्था में थाने में खड़ा रखा गया था। – हाल ही में कोलार थाना अंतर्गत जेके अस्पताल मार्ग पर एक युवती से बर्बरता पूर्वक बलात्कार एवं हत्या के प्रयास मामले में भी आयोग ने डीआइजी से कई बिंदुओं पर प्रश्न पूछे थे।