यादव ने कहा कि मेरी राजनैतिक अंकसूची में मेरी बल्दियत एक ही है, मेरे उपनाम (surname) के आगे ‘यादव’ लिखा जाता है, कोई ‘शिंदे-सिधिया’ नहीं। कांग्रेस मेरी माँ है, जिसने मेरी स्वर्गीय पिताजी को विधायक, सांसद, मंत्री और उपमुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जैसे पदों पर सुशोभित किया है, मुझे अल्पायु में ही सांसद, केंद्रीय मंत्री, पार्टी का राष्ट्रीय सचिव, जैसी महत्वपूर्ण इकाईयों से नवाजा, मेरे अनुज सचिन यादव को विधायक और मंत्री बनाया। लिहाजा, मेरे परिवार के हर व्यक्ति के शरीर की एक-एक रग में कांग्रेस का खून प्रवाहित होता है और हमें उससे ऊर्जा प्राप्त होती है।
अपने राजनैतिक और व्यावसायिक हितों के लिए गद्दारी का मेरे उच्चादर्शों वाले परिवार में किंचित मात्र भी स्थान नहीं हैं। आपकी अतृप्त सत्ता की लालसा और फितरती राजनैनिक सोच मुझे और मेरे परिवार कभी भी प्रभावित नहीं कर पायेगी। कृपाकर भगवान कृष्ण के वंशजों और देश की आजादी के आंदोलन से गद्दारी करने वाले परिवारों से हमारी तुलना न करें।
यह है मामला
बीते दिन सीएम शिवराज ने काँग्रेस नेता अरुण यादव को कहा की आप काँग्रेस में क्या कर रहे हैं। उन्होंने एक चुनावी सभा संबोधित करते हुए कथित तौर पर अरुण यादव को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दिया था।