खरगोन में हिंसा के बाद राजनीति बढ़ती जा रही है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने चीफ मिनिस्टर शिवराज सिंह चौहान पर धमकीभरे अंदाज में निशाना साधा है।
ओवैसी ने कहा है कि मध्य प्रदेश में मंसूबा बंद तरीके से कानून के शासन पर भीड़तंत्र हावी हो चुका है। शिवराज सिंह भले ही आपकी विचारधारा मस्जिदों को नापाक करने और बुजुर्गों पर हमले को सही ठहराने की हो, लेकिन यह न भूलें कि आप संवैधानिक पद पर बैठे हैं। जनता की जान और माल की सुरक्षा आपकी जिम्मेदारी है।
ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता के नशे में कानून को बलाए-ताक पर रखकर जो आप गरीबों के आशियाने उजाड़ रहे हो, याद रखो! आज सरकार आपकी है, कल नहीं होगी।
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क्या कहते हैं दिग्विजय
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर शिवराज सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि क्या ख़रगोन प्रशासन ने लाठी तलवार जैसे हथियारों को लेकर जुलूस निकालने की इजाज़त दी थी? क्या जिन्होंने पत्थर फेंके चाहे जिस धर्म के हों सभी के घर पर बुलडोज़र चलेगा? शिवराज जी मत भूलिए आपने निष्पक्ष हो कर सरकार चलाने की शपथ ली है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भारतीय संविधान में हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। धर्म देखकर शिवराज जी कार्रवाई करना असंवैधानिक है। मैं मूल रूप से बिना नोटिस बिना किसी को सुनें कार्रवाई के खिलाफ हूँ। क्या भारत के किसी क़ानून या नियम में इस बुलडोज़र संस्कृति का प्रावधान है? यदि आपको गैर कानूनी तरीके से बुलडोज़र चलाना ही है तो उसमें धर्म के आधार पर पक्षपात तो ना करें।
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खरगौन दंगे मामले में 92 गिरफ्तार
खरगोन मामले में भी अब तक 92 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और कार्रवाई लगातार जारी है। इसके अलावा 50 से अधिक पत्थरबाजों के घरों के अवैध हिस्से तोड़ दिए गए। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
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तीसरे दिन भी जारी कर्फ्यू
रविवार को भड़की हिंसा के बाद खरगोन शहर में मंगलवार को भी कर्फ्यू जारी रहा। लोग दूध जैसी जरूरी सेवाओं के लिए भी परेशान होते रहे। उन्हें कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी गई। कर्फ्यू में ढील देने को लेकर आज कोई फैसला हो सकता है।