भोपाल. पाकिस्तानी हैंडलरों के लिए टेरर फंडिंग का काम कर रहे तीन युवाओं को मध्यप्रदेश एटीएस ने गिरफ्तार किया है। इन सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। इनसे पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां मिली हैं। ये सभी युवक पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर काम करते थे। अब इनकी गिरफ्तारी को धर्म से भी जोड़ा जाने लगा है। असदुद्दीन ओवैसी ने इनकी गिरफ्तारी को धर्म से जोड़ते हुए ट्वीट किया है और अमित शाह से सवाल भी।
एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि टेरर फंडिंग के नाम नामजद अभियुक्त हैं बलराम, सुनील और सुभम। इन नामों को भी आतंकनिरोधी कानून में शामिल होंगे या फिर यह एक ही समुदाय के लिए रिजर्व है। मेरे समझ से आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है। क्या पीएम ने वर्धा में कही बात को अब वापस लेंगे।
दूसरे ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा कि बलराम टेरर फंडिंग के मामले में ही बेल पर था और वह अब नए लोगों को रिक्रूट कर रहा था। ओवैसी ने लिखा कि मेरे हिसाब से, अगर अमित शाह वाकई राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं तो उन्होंने अंदर के दुश्मनों के बारे में कल्पना नहीं की होगी।
दरअसल, मध्यप्रदेश की एटीएस ने बुधवार की रात सुनील सिंह, बलराम सिंह और शुभम मिश्रा को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही दो लोगों को संदेह के आधार पर भी गिरफ्तार किया है। जिसमें भागेंद्र सिंह और गोविंद कुशवाहा है। ये सभी लोग टेरर फंडिंग के काम से जुड़े थे। इसमें बलराम सिंह पहले भी जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद वह फिर से इस काम में लग गया था। एटीएस की टीम ने बलराम सिंह के पास से दो कीमती बाइक बरामद किया है।
आठ फीसदी मिलता था कमीशन
सूत्रों के अनुसार बलराम सिंह, सुनील सिंह और शुभम मिश्रा को बैंक खातों में रकम ट्रांसफर करने के मामले में पकड़ा गया है। आशंका है कि यह पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर रकम को इधर से उधर करने का काम कर रहे थे। इस काम के लिए इन्हें 8 फीसदी काम मिलता था। कमीशन में हर दिन 10 से 15000 रुपये की कमाई होती थी। जांच एजेंसी इन सभी बातों की पुष्टि कर रही है। बलराम एक बार में पचास हजार से कम की राशि का ट्रांजेक्शन करता था।
सूत्रों के अनुसार बलराम सिंह, सुनील सिंह और शुभम मिश्रा को बैंक खातों में रकम ट्रांसफर करने के मामले में पकड़ा गया है। आशंका है कि यह पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर रकम को इधर से उधर करने का काम कर रहे थे। इस काम के लिए इन्हें 8 फीसदी काम मिलता था। कमीशन में हर दिन 10 से 15000 रुपये की कमाई होती थी। जांच एजेंसी इन सभी बातों की पुष्टि कर रही है। बलराम एक बार में पचास हजार से कम की राशि का ट्रांजेक्शन करता था।