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अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ रात भर सड़क पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं पर टूटी बड़ी आफत

locationभोपालPublished: Oct 03, 2018 08:29:23 pm

आशा कार्यकर्ता के टावर से गिरते ही भड़क उठी अन्य कार्यकर्ता, पुलिस से हुई जमकर हाथापाई…

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अपनी मांगों को लेकर सरकार के सरकार के खिलाफ रात भर सड़क पर बैठी रही आशा कार्यकर्ताए

भोपाल। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपनी मागों के लिए लम्बे समय से अंदोेलन कर रही आशा कार्यकर्ताओं को अभी तक कोई राहत नहीं मिल सकी हैं। आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि समान वेतनमान व सुविधा की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ लम्बे समय से प्रदर्शन कर रहे पर सरकार ने हमारी कोई मांगे नहीं मानी। आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदर्शन जब तक जारी रहेगा जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी।

इसी के चलते मंगलवार की रात इन कार्यकर्ताओं को खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ी, वहीं इसके बाद बुधवार को इन कार्यकर्ताओं के साथ एक हादसा हो गया। जानकारी के अनुसार बुधवार को आशा और उषा महिला कार्यकर्ताओं की विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री निवास के पास पॉलिटेक्निक चौराहे पर टावर पर चढ़ी 42 वर्षीय महिला प्रदर्शनकारी अचानक टावर से नीचे गिर गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई।

इस हादसे में उसे टावर से नीचे उतारने की कोशिश कर रहीं दो महिला पुलिसकर्मी भी घायल हुईं हैं। तीनों को उपचार के लिए हमीदिया अस्पताल भेज दिया गया है।

 

ये हैं मांगें…
दरअसल नियमितीकरण और अपने मानदेय को बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर आशा और उषा की महिला कार्यकर्ता दो अक्टूबर की सुबह से यहां मुख्यमंत्री निवास के पास पॉलिटेक्निक चौराहे पर धरने पर बैठी हैं। बताया जाता है कि टावर से नीचे गिरी आशा कार्यकर्ता का नाम ममता राजावत (42) है। वह भिंड की रहने वाली है। उसके पैरों और आंख के पास गंभीर चोटें आईं हैं। नीचे गिरते समय टावर से टकराने से आंख के पास चोट लगी। उसे तत्काल शासकीय हमीदिया अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है, जहां उसकी स्थिति अब ठीक है।
ऐसे हुई घटना…
पुलिस के मुताबिक उसे नीचे उतरने के लिए पुलिसकर्मी आवाज दे रहे थे। इसी दौरान उसका हाथ फिसल गया और वह टावर से नीचे गिर गई। इस हादसे में नीचे से इस महिला को समझा रहीं दो महिला पुलिसकर्मी भी उसकी चपेट में आ गईं, जिससे उनके भी पैरों में चोटें आईं हैं। उन्हें भी इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस के मुताबिक कल से ही इन प्रदर्शनकारियों को बताया जा रहा है कि यह प्रतिबंधित इलाका है।
इस इलाके में धारा 144 लगी है। इसलिए यहां पर धरना पर न बैठें, लेकिन वे नहीं मानी। साथ ही इन प्रदर्शनकारियों ने इलाके में शांति भंग करने के अलावा चक्काजाम भी किया।

पुलिस से हाथापाई…
टावर से महिला कार्यकर्ता के गिरने के बाद आशा कार्यकर्ताओं का गुस्सा और भड़क गया और उन्होंने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से हाथापाई भी की। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आशा सहयोगिनी को 25,000 रुपए और आशा-उषा कार्यकर्ताओं को 10,000 रुपए मानदेय सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा नियमितीकरण और चिकित्सा सुविधा समेत दूसरी कई सुविधाओं की मांग की जा रही है।
कार्यकर्ताओं का आरोप…
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि रातभर से पुलिस उन्हें धमका रही है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
इससे पहले आशा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को हर तरफ से सरकार लाभ देती है। लेकिन आशा कार्यकर्ताओं को उनके काम के बदले उन्हें प्रोत्साहन व नाममात्र का वेतनमान दिया जाता है। सरकार द्वारा कोई सुविधा नहीं दी जाती। सरकार व विभाग आशा कार्यकर्ताओं शोषण कर रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का ट्विट…
इसी बीच, मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने ट्विट पर लिखा है कि देश की आशा-उषा कार्यकर्ता अपनी जायज मांगो को लेकर सीएम हाउस के समीप सड़कों पर कड़ी धूप में अपने बच्चों को लेकर धरने पर बैठी हैं। उनसे राखी बंधवाने वाले (मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री) शिवराज सिंह चौहान को चुनावी भूमिपूजन छोड़ उनकी खैर-खबर लेनी चाहिए। लेकिन अभी तक सरकार का कोई भी ज़िम्मेदार उनसे मिलने तक नहीं पहुंचा है।

इधर, खुले आसमान में बितानी पड़ी थी रात

पॉलिटेक्निक चौराहे पर मंगलवार को सुबह से ही आशा कार्यकर्ताओं ने समान वेतनमान व सुविधा की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। पिछले 24 घंटे से अपने हक की लड़ाई लड रही आशा कार्यकर्ताओं के साथ प्रशासन ने किसी भी तरह की सुविधाएं देना मुनासिब नहीं समझा।

प्रशासन के सुविधा नहीं देने से प्रदेश भर से धरना प्रदर्शन के लिए राजधानी आई आशा कार्यकर्ताओं को खुले आसमान के नीचे ही रात बितानी पड़ी। प्रशासन के द्वारा इन कार्यकर्ताओं को न तो एमजेंसी टायलेट तक की व्यवस्था की और न टेंट आदि लगवाए।
जिस कारण कार्यकर्ताओं को सड़क पर ही रात भर लेटना और बैठना पड़ा। रात में पुलिस ने चारों तरफ बेरीकेड्स लगाकर महिलाओं को पुलिस घेर रखी थी।

भूख से परेशान हो रहे महिलाओं के बच्चे

अपनी मागों के लिए प्रदर्शन कर रही भूखी और प्यासी आशा कार्यकर्ताओं के साथ साथ उनके बच्चों को भी ये सब परेशानियों झेलनी पड़ रही है। आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने हमारी कोई मागें नहीं मानी है जिस कारण मजबूरन हमें यहां रात बितानी पड़ी। हम लोग के साथ हमारे बच्चे भी इन समस्याओं का सामना कर रहे है।

हक के उम्मीद में बैठी महिलाएं

आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे अपने हक के लिए लड़ती रहेगी। इसके लिए चाहे जितनी भी परेशानियां झेलनी पड़े वो सब को मंजूर है। गौरतलब है कि आशा कार्यकर्ता मंगलवार सुबह से अपने हक लिए सीएम शिवराज से मुलाकात और अपनी मागों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही हैं

100 की रफ्तार मे आते है डंपर

आशा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रात में डराया। पुलिस वालों ने आशा कार्यकर्ता से कहा कि इस मार्ग से रात में 100 की रफ्तार से डंपर गुजरते है इस लिए सडक पर न बैठो। आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस रात भर डंपर का डर दिखाकर सड़क से कार्यकर्ताओं को उठाने का प्रयास करती रही।

किसी ने नहीं ली अनुमति
शहर के एसडीएम लोचन लाल अहिरवार का कहना है कि आशा कार्यकर्ताओं ने कोई अनुमति नहीं ली और न ही कोई आवेदन दिया था। कार्यकर्ता अलग अलग ग्रुप में यहां आकर जुटी हैं। ताकि किसी को पता न चले।

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