जब ये घर गए तो शाम में इनके पास रुपए निकलने का मैसेज आया। इस पर वो घबरा गए। करीब एक घंटे बाद इन्होंने टोल फ्री नंबर पर फोनकर इसकी शिकायत की। तब तक इनके खाते से 78 हजार रुपए निकल चुका था। इसके बाद वो अशोका गार्डन थाने में जाकर इसकी शिकायत की। जांच के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ कायमी की है।
बंद ही नहीं होते एटीएम के गेट
शहर में स्थित एटीएम से रोजाना लाखों रुपए की ट्रांजेक्शन होती है। रोजाना ही राजधानी के लोग एटीएम से रुपए निकालते हैं । हैरानी की बात यह है कि अधिकांश एटीएम के गेट ही बंद नहीं होते। जबकि पहले यह गेट कार्ड से ही खुलते थे। इससे बिना कार्ड वाले अवांछित तत्व भी एटीएम के अंदर घुसे रहते थे।इससे एक ही समय में दो से तीन व्यक्ति पैसे निकलवाने के लिए जमा हो जाते है। जिससे पास खड़ा साधारण व्यक्ति घात लगाते ही घटना को अंजाम दे जाता है। ज्यादातर केस में आरोपी ने वारदात को एटीएम में खड़े होकर अंजाम दिया। राजधानी में बैंक लूट तक की घटनाएं हो चुकी है इसके बाद भी इस मामले में बैंक के उच्च अधिकारियों की ओर से सुरक्षा में चूक की जा रही है।
शहर में स्थित एटीएम से रोजाना लाखों रुपए की ट्रांजेक्शन होती है। रोजाना ही राजधानी के लोग एटीएम से रुपए निकालते हैं । हैरानी की बात यह है कि अधिकांश एटीएम के गेट ही बंद नहीं होते। जबकि पहले यह गेट कार्ड से ही खुलते थे। इससे बिना कार्ड वाले अवांछित तत्व भी एटीएम के अंदर घुसे रहते थे।इससे एक ही समय में दो से तीन व्यक्ति पैसे निकलवाने के लिए जमा हो जाते है। जिससे पास खड़ा साधारण व्यक्ति घात लगाते ही घटना को अंजाम दे जाता है। ज्यादातर केस में आरोपी ने वारदात को एटीएम में खड़े होकर अंजाम दिया। राजधानी में बैंक लूट तक की घटनाएं हो चुकी है इसके बाद भी इस मामले में बैंक के उच्च अधिकारियों की ओर से सुरक्षा में चूक की जा रही है।
इन कारणों से नहीं पकड़ में आते हैं आरोपी
सीसीटीवी फुटेज : जहां कैमरे लगे होते हैं। बावजूद पुलिस को फुटेज देरी से मिलती है। अक्सर पुलिस फुटेज के लिए बैंक को पत्र लिखती है। चार से पांच दिन बाद फुटेज आता है। तब तक आरोपी कहीं और रहता है। बाद में उनका पता ही नहीं चल पाता है। एटीएम में लगे कैमरों का फुटेज क्लियर नहीं होता। अक्सर मामलों में पुलिस को ऐसे ही फुटेज मिले जिसकी क्वालिटी अच्छी नहीं होती है।
सीसीटीवी फुटेज : जहां कैमरे लगे होते हैं। बावजूद पुलिस को फुटेज देरी से मिलती है। अक्सर पुलिस फुटेज के लिए बैंक को पत्र लिखती है। चार से पांच दिन बाद फुटेज आता है। तब तक आरोपी कहीं और रहता है। बाद में उनका पता ही नहीं चल पाता है। एटीएम में लगे कैमरों का फुटेज क्लियर नहीं होता। अक्सर मामलों में पुलिस को ऐसे ही फुटेज मिले जिसकी क्वालिटी अच्छी नहीं होती है।
इसकी वजह से आरोपी पुलिस के हत्थे चढऩे से बच जाते हैं। ऐसे मामलों को पुलिस गंभीरता से नहीं लेती। लोग वर्षों तक थाने का चक्कर लगाते रहते हैं लेकिन पुलिस कुछ दिन कार्रवाई करती है। बाद में मामला ठंडे बस्ते में डाल देती है। अगर प्रार्थी कोई रसूखदार हो तो मामले में जांच जल्दी शुरू करती है। कई शिकायतकर्ता तो पुलिस पर यही आरोप लगा चुके हैं।
इधर,5 लाख रुपए इनाम के झांसे में आकर युवक के साथ 2.96 लाख की ठगी चूनाभट्टी थाना क्षेत्र में पांच लाख रुपए के इनाम के झांसे में आकर एक युवक के साथ २ लाख ९६ हजार रुपए की ठगी हुई है। यह ठगी पिछले दो महीने में हुई है। मामले में पुलिस ने शिकायत के बाद अज्ञात के खिलाफ कायमी कर ली है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
थाना क्षेत्र के छत्रपति शिवाजी कॉलोनी निवासी सर्वेश मालवीय के पास करीब दो महीने पहले एक कॉल आया था। इसमें कॉल करने वाले ने ब्राइट फ्यूचर लिमिटेड से कॉल करना बताया।
थाना क्षेत्र के छत्रपति शिवाजी कॉलोनी निवासी सर्वेश मालवीय के पास करीब दो महीने पहले एक कॉल आया था। इसमें कॉल करने वाले ने ब्राइट फ्यूचर लिमिटेड से कॉल करना बताया।
उसने सर्वेस से कहा कि आप पांच लाख रुपए जीत गए हैं। इसके लिए मेरे खाते में 10 हजार रुपए जमा करा दें। इसके बाद करीब दो महीने में इस तरह से कई बार रुपए जमा कराए। सर्वेश ने कुल 2 लाख 96 हजार रुपए जमा करा दिए। जब इसके बाद भी खाते में 5 लाख रुपया नहीं आया तो इसे ठगी का एहसास हुआ।
उसके बाद इन्होंने थाने में इसकी शिकायत की। मामले में चुनाभट्टी थाना प्रभारी अवधेश भदौरिया ने बताया कि अज्ञात आरोपी के खिलाफ इस मामले में कायमी की गई। इसकी जांच की जा रही है।