भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन डिजिटल शिक्षण प्रज्ञता के संबंध में जारी निर्देशानुसार अब मध्यप्रदेश में प्री-प्राइमरी एवं प्राइमरी कक्षाओं में भी ऑनलाइन/डिजिटल कक्षाओं के माध्यम से शिक्षण कार्य किया जा सकेगा।
भोपाल. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ( mp high court ) में ऑनलाइन ( online classes ) को लेकर प्रदेश के स्कूल संचालकों से पूछा है कि आखिर वह बिना मान्यता के ऑनलाइन क्लासेस कैसे संचालित कर रहे हैं ? प्रदेश में निजी स्कूलों को फिजीकल क्लास संचालित करने की मान्यता मिली हुई है। कोर्ट में जनहित याचिका ( PIL ) पर बोलते हुए अधिवक्ता अतुल कुमार जैन ने कहा कि जब दुनिया कोराना से जूझ रही है तब स्कूल संचालक छात्रों और पालकों को परेशान कर रहे हैं।
पीआईएल पर मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल व जस्टिस राजीव कुमार दुबे की युगलपीठ सुनवाई कर रही है। कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने पूछा कि जब प्रदेश सरकरा निजी स्कूलों को फिजिकल क्लासेस चलाने के लिये मान्यता देतीहै, तो फिर आखिर स्कूल ऑनलाइन क्लासेस कैसे संचालित कर रहे हैं? प्रदेश में स्कूल संचालक ऑनलाइन क्लास के नाम पर पालको से जबरन फीस बूल रहे हैं और इस मामले में किसी तरह की पारदर्शिता भी नहीं है। अगर नियम की बात की जाए तो कोई भी स्कूल फिजिकल क्लासेस की ट्यूशन फीस को ऑनलाइन क्लासेस के नाम से नहीं वसूल सकता। अब इस मामले की सुनावाई पहले से विचाराधीन जनहित याचिकाओं के साथ 10 अगस्त को होगी।
ऑनलाइन क्लास की गाइडलाइन वही दूसरी ओर भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन डिजिटल शिक्षण प्रज्ञता के संबंध में जारी निर्देशानुसार अब मध्यप्रदेश में प्री-प्राइमरी एवं प्राइमरी कक्षाओं में भी ऑनलाइन/डिजिटल कक्षाओं के माध्यम से शिक्षण कार्य किया जा सकेगा। केन्द्रीय मानव एवं विकास संसाधन मंत्रालय ने दूरस्थ शिक्षा विशेषकर मोबाइल/लैपटॉप/कम्प्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन को देखते हुए निर्देश जारी किये हैं। प्री-प्राईमरी कक्षाओं में सप्ताह में 3 दिन, अधिकतम 30 मिनट तक ऑनलाइन क्लास ली जा सकती है। इसके लिये पालक एवं अभिभावकों से भी चर्चा की जायेगी।
प्रारंभिक कक्षाओं (पहली से आठवीं तक) के लिये नियत दिवसों में सप्ताह में 5 दिन अधिकतम 2 सत्र किये जा सकेंगे एवं प्रत्येक सत्र की अवधि 30 से 45 मिनट तक होगी। हाई एवं हायर सेकंडरी (कक्षा 9वीं से 12वीं) कक्षाओं के लिये नियत दिवसों में सप्ताह में 6 दिन अधिकतम 4 सत्र किये जा सकेंगे। प्रत्येक सत्र की अवधि 30 से 45 मिनट तक होगी।