script5 माह बाद विधानसभा चुनाव- जीतने के लिए भाजपा-कांग्रेस ये तैयारी | Assembly elections after 5 months BJP-Congress preparing this to win | Patrika News

5 माह बाद विधानसभा चुनाव- जीतने के लिए भाजपा-कांग्रेस ये तैयारी

locationभोपालPublished: Jun 01, 2023 09:29:42 am

Submitted by:

Subodh Tripathi

दोनों ही दल अपनी पार्टी की जीत के लिए कमर कसकर मैदान में उतर चुके हैं, ऐसे में जहां भाजपा घर-घर जाकर अपनी पार्टी का प्रचार कर रही है, वहीं कांग्रेस लोगों के बीच पहुंचकर कई बड़े-बड़े वादे कर रही है।

5 माह बाद विधानसभा चुनाव- जीतने के लिए भाजपा-कांग्रेस ये तैयारी

5 माह बाद विधानसभा चुनाव- जीतने के लिए भाजपा-कांग्रेस ये तैयारी

भोपाल. प्रदेश में महज 5 माह बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसेे में दोनों ही दल अपनी पार्टी की जीत के लिए कमर कसकर मैदान में उतर चुके हैं, ऐसे में जहां भाजपा घर-घर जाकर अपनी पार्टी का प्रचार कर रही है, वहीं कांग्रेस लोगों के बीच पहुंचकर कई बड़े-बड़े वादे कर रही है। कांग्रेस जनता कि हर मांग को पूरा करने का आश्वसन दे रही है। उनका कहना है बस एक बार कांग्रेस की सरकार बन जाए, फिर पुरानी पेंशन भी देंगे, गैस सिलेंडर भी सस्ता कर देंगे, बिजली भी फ्री में दी जाएगी, आईये जानते हैं दोनों ही दल चुनाव जीतने के लिए क्या-क्या कर रहे हैं।

भाजपा में सत्ता-संगठन ने अलग-अलग बहानों से गली-गली, घर-घर दस्तक देना शुरू कर दिया है। इसके तहत सरकार ने जहां सीएम जनसेवा अभियान फेज-2 के तहत प्रदेश में प्रशासनिक स्तर पर हर गली तक दस्तक दी, तो अब भाजपा ने मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर माहभर का विशेष संपर्क अभियान शुरू किया है। इसमें 5 करोड़ लोगों के साथ 30 हजार विशेष परिवार और 100 विशेष प्रभावशील लोग भी फोकस पर हैं। कोशिश है कि ये 100 लोग यदि भाजपा की विचारधारा को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन करते हैं, तो उससे उनके दायरे के लोग भी प्रभावित होंगे। इसलिए इन 100 प्रभावशील लोगों के यहां पर पार्टी के बड़े नेता पहुंचेेंगे। पार्टी का मानना है कि इसी बहाने चुनाव के पहले पार्टी पूरे प्रदेश को नाप लेगी। इससे वोट बैंक के नजरिए से फायदा मिलने की उम्मीद है। ऐसे में भाजपा में सत्ता-संगठन ने अलग-अलग बहानों से गली-गली, घर-घर दस्तक देना शुरू कर दिया है।


64 हजार बूथों पर अभियान चलेगा


पार्टी ने 30 जून तक चलने वाले इस अभियान के लिए सभी मोर्चा, टीम व विभागों को लगाया गया है। बूथ स्तर तक की टीमें घर-घर संकर्प करेंगी। सभी 64 हजार बूथों पर अभियान चलेगा। मोदी सरकार के 9 साल के काम, प्रदेश में भाजपा सरकार के विकास कार्य बताए जाएंगे। कांग्रेस की विफलता बताई जाएगी।


प्रभावशील गैर-राजनीतिक लोगों के यहां भाजपा नेता पहुंचेंगे


पार्टी ने प्रदेश में 100 प्रभावशाली लोगों तक विशेष तौर पर संपर्क अभियान में पहुंचने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पहले दिन अंतर्राष्ट्रीय स्नूकर खिलाड़ी और डॉक्टर के घर पहुंचे। फिर प्रदेश का नाम रोशन करने वाले या प्रभावशील गैर-राजनीतिक लोगों के यहां भाजपा नेता पहुंचेंगे।


2 जून को सहस्त्रबुद्धे आएंगे


प्रदेश भाजपा के पूर्व प्रभारी व भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे भी 2 जून को मप्र आएंगे। दो दिन वे कार्यक्रमों में शामिल होने के साथ प्रभावशील लोगों तक पहुंचेंगे। दो जून को सीहोर, 3 जून को बैरसिया में सहस्त्रबुद्धे कार्यक्रमों में जाएंगे।


भाजपा घर-घर संपर्क अभियान के तहत प्रदेश में 5 करोड़ हितग्राहियों से संपर्क करेगी। 23 जून को पीएम नरेंद्र मोदी डिजिटल रैली को संबोधित करेंगे। मध्यप्रदेश से 38 लाख कार्यकर्ता इसमें शामिल होंगे। इस अभियान में 29 लोकसभाओं में सभाएं, 30 से अधिक प्रेस कॉन्फ्रेंस, 30 हजार से अधिक विशिष्ट परिवारों से संपर्क भी होगा।

– वीडी शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

राहुल गांधी का विधानसभा चुनाव के पहले दावा-150 सीटें मिलेगी

 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के एन पहले दावा किया है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस को 150 सीटें मिलेगी। राहुल ने यह दावा ऐसे ही नहीं किया, बल्कि उनका यह स्वयं का आंकलन है, इसमें भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मिला फीडबैक भी शामिल है। यात्रा के दौरान राहुल ने ‘डरो मत’ के नारे के साथ ऐलान किया कि वे वर्तमान सियासत से उपजे ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने आए हैं।’ कर्नाटक में इसका असर दिखा अब उम्मीद मध्यप्रदेश से है। राहुल का दावा सच साबित करने के लिए प्रदेश कांग्रेस ने फुल प्रूफ प्लान तैयार किया है। एक-एक सीट का आंकलन किया गया है। इसमें क्षेत्रीय स्तर पर जातिगत समीकरण को भी साधने का प्रयास है।


मध्यप्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 114 सीटें मिली थी, जबकि भाजपा को 109 सीटें ही प्राप्त कर सकी। हालांकि निर्दलीय और सपा, बसपा के सहयोग से कांग्रेस को सत्ता मिली, यह बात अलग है कि यह सरकार कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई और अल्पमत में आ गई।


पिछले अनुभवों से सबक लेते हुए कांग्रेस अब फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। कांगे्रस यह भली भांति जानती है कि दलित, आदिवासी और आरक्षित वर्ग के लोगों ने जिसका साथ दिया, वह दल सत्ता तक पहुंचा और सरकार बनाई। इसलिए कांग्रेस इन सीटों पर मजबूती चाहती है। वहीं निमाड़-मालवा के साथ विंध्य, बुदेलखंड पर भी फोकस किया है।


कांग्रेस ने 150 सीटों जीतने के लिए बनाया फुलप्रूफ प्लान


प्रियंका रहेंगी सक्रिय
चुनाव के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी प्रदेश में सक्रिय रहेंगी। वे 12 जून को जबलपुर से इसकी शुरुआत कर रही हैं। 2018 के चुनाव में कांग्रेस को विंध्य व बुंदेलखंड ने निराश किया था। अब इन्हीं क्षेत्रों से अधिक उम्मीद है। 1-1 सीट को ध्यान में रखकर योजना बन रही है।


लगातार हार वाली सीटों पर पैठ बनाएंगे
कांग्रेस का प्रयास लगातार हारने वाली सीटों पर खुद को मजबूत करने का है। सांसद दिग्विजय सिंह इन सीटों पर दौरा कर रहे हैं। तीन से अधिक बार हारने वाली 66 सीटों में से 58 क्षेत्रों में वे कार्यकर्ताओं संग बैठक कर चुके हैं। कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने, मनाने का प्रयास हो रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी मोर्चा संभाला है।

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