जानकारी के अनुसार इस बार विधानसभा चुनाव में अगर आपको मतदान करना है, तो सबसे पहले अपने आधार को मतदाता सूची से लिंक करवाना होगा, इस कार्य की शुरुआत निर्वाचन विभाग अगले माह 1 अगस्त से शुरू करने जा रहा है। इस काम के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण की शुरुआत आगामी 27 जुलाई से होने जा रही है। बता दे कि हाल ही में हुए निकाय चुनाव में पूरे मध्यप्रदेश में कई मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब हो गए थे। अब नया आदेश मतदान करने को लेकर आ गया है। ऐसे में जो मतदाता अपना आधार मतदाता सूची से लिंक नहीं करवाएंगे, उनको विधानसभा चुनाव 2023 में मतदान के दौरान समस्या आएगी।
मतदाता सूची में गड़बड़ी पर लगेगी रोक
पैन कार्ड के बाद सरकार ने अब वोटर कार्ड डिटेल को आधार से लिंक करना जरूरी कर दिया है। इससे मतदान सूची में गडबडी, एक से अधिक सूची में नाम जैसे फर्जीवाड़े पर अंकुश लग सकेगा। अब एक व्यक्ति के पास एक ही वोटर आइडी कार्ड होगा, एक से ज्यादा वोटर कार्ड मिलने पर उन्हें रद्द कर दिया जाएगा। निर्वाचन आयोग की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सभी बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाताओं से उनके आधार कार्ड की कॉपी को एकत्रित करेंगे। रतलाम में एक अगस्त से इसे शुरू किया जाएगा।
एक से अधिक बार नहीं कर सकेंगे मतदान
बीएलओ की ओर से जुटाए जाने वाले आधार नंबरों के ब्योरे के आधार पर मतदाता सूची में नाम, जन्मतिथि व अन्य जानकारियों को जोड़ा जाएगा। इस डाटा की फीडिंग के बाद मतदाता किसी भी चुनाव में एक से अधिक वोट नहीं डाल सकेंगे। अभियान के शुरू होने से पहले सभी बीएलओ को इसका प्रशिक्षण संबंधित तहसीलों में दिया जाएगा। इसके बाद बीएलओ एक अगस्त से घर-घर जाकर मतदाताओं से फॉर्म भरवाएंगे। फार्म-छह में आधार-कार्ड का नया कालम दिया गया है।
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आधार नहीं तो इन दस्तावेजों से कराएं लिंक
आधार नंबर होने पर वोटर आईडी की पुष्टि के लिए 11 वैकल्पिक दस्तावेजों में से कोई एक दिया जा सकेगा। इनमें मनरेगा जॉब कार्ड, फोटो वाली बैंक पासबुक, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन, पासपोर्ट, हेल्थ इंश्योरेंस स्मार्ट कार्ड, पेंशन दस्तावेज, सरकारी सेवा के पहचान पत्र, सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को जारी पहचान पत्र, सामाजिक न्याय मंत्रालय की ओर से जारी यूनिक आइडेंडिटी शामिल हैं।