scriptD-7 बंगले का सच! जो आपकी आंखों को भी कर देगा हैरान- जानिये अब तक की कहानी | Astonished mystery of D-7 Bunglow of bhopal | Patrika News

D-7 बंगले का सच! जो आपकी आंखों को भी कर देगा हैरान- जानिये अब तक की कहानी

locationभोपालPublished: Feb 14, 2019 12:32:08 pm

पुलिस तक बनाए हुए है मामले से दूरी…

D-7 Bunglow

D-7 बंगले का सच! जो आपकी आंखों को भी कर देगा हैरान

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित D-7 बंगला इन दिनों अपने आप में एक खास रहस्य बना हुआ है। इस बंगले में एडीजी (चयन एवं भर्ती) राजेंद्र कुमार मिश्रा निवास करते हैं।

पिछले कुछ दिनों से रहस्यमय बना हुए इस बंगले से जुड़ी जो बात सामने आई है। वो अत्यधिक चौंकाने वाली है। जिसके बारे में सुनकर आपकी भी आंखें खुली रह जाएंगी।

दरअसल आज के वैज्ञानिक युग में जहां लोग अंधविश्वास को लेकर कई तरह की बातें करते हैं, वहीं अंधविश्वास के संबंध को इन दिनों कम पढ़े लिखें लोगों से जोड़कर देखा जाता है।

लेकिन एक आइपीएस के द्वारा मृत पिता को अंधविश्वास से पुन: जीवित किए जाने की कोशिशों की सच्चाई सामने आने के बाद इसे लेकर नई बहस शुरू हो गई है।

ये है D-7 बंगले का सच!…
दरअसल इस बंगले में रहने वाले MP के एडीजी रैंक के एक आइपीएस अफसर अपने मृत पिता का एक महीने से बंगले में इलाज करवा रहे हैं। उनको जिंदा बताकर बंगले पर तांत्रिकों से झाड़-फूंक करा रहे हैं। अस्पताल उनका डेथ वारंट जारी कर चुका है, पर अधिकारी को डॉक्टरों की बात का भरोसा नहीं है।

वे मान रहे हैं कि उनके पिता जीवित हैं और उन्हें इलाज की जरूरत है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब अफसर के दबाव में मृतक की सेवा कर रहे दो एसएएफ जवान बीमार हो गए और उन्होंने साथियों को ये बात बताई।

पिछले माह जनवरी की 13 तारीख को उन्हें फेंफड़ों में संक्रमण के चलते बसंल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बसंल अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि कालूमणी मिश्रा की अगले दिन 14 जनवरी को ही मौत हो गई थी और डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया था।

नियमानुसार परिजनों को शव सौंप दिया गया था। इस मौके पर पुलिस के कुछ अफसर भी अस्पताल पहुंचे थे। पुलिस लाइन से शव वाहन भी बंसल हॉस्पिटल पहुंंचा, उस वाहन में ही एडीजी के पिता के शव को उनके बंगले तक ले जाया गया।

बंगले पहुंचने के बाद उनके घर मौजूद रिश्तेदार रोने लगे, तभी उनके शरीर में कथित रूप से कुछ हरकत हुई। इसके बाद राजेंद्र मिश्रा ने शव वाहन को यह कहकर वापस भेज दिया कि पिता के प्राण वापस आ गए हैं।

ऐसे हुआ खुलासा…
इसके बाद से अफसर के दबाव में बंगले पर ड्यूटी करने वाले एसएएफ के दो सुरक्षा कर्मी मृतक की सेवा कर रहे थे। लाश से उठती बदबू और संक्रमण के चलते दोनों बीमार हो गए तब मामले की हकीकत सामने आई।

उन दोनों जवानों ने साथियों को बताया कि बंगले पर आयुर्वेदिक डॉक्टरों के साथ दूर-दराज से तांत्रिक भी झाड़-फूंक करने आ रहे हैं। यह जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद दोनों जवान भीा गायब हो गए हैं।

बंगले से आ रही दुर्गंध…
जब पत्रिका रिपोर्टर मौके पर पहुंचा तो एडीजी राजेंद्र मिश्रा ने बाहर खड़े होकर ही बात की। बंगले के अंदर से बदबू आ रही थी। गेट पर खड़े जवान ने भी कहा कि कुछ दिनों से लगातार बदबू आ रही है। मिश्रा के बड़े भाई भी वहां मौजूद थे लेकिन वे चुप्पी साधे रहे। राजेंद्र मिश्रा से जब पूछा गया कि आयुर्वेद का कौन सा डॉक्टर इलाज कर रहा है तो वे अंदर चले गए।

पुलिस में तक है खौफ!…
पत्रिका द्वारा इस पूरे मामले का खुलासा किए जाने के बावजूद 14 फरवरी को दोपहर तक पुलिस इस बंगले पर नहीं पहुंची। वहीं इस संबंध में जब पुलिस से बात की गई तो उसका कहना था कि यह व्यक्तिगत मामला है।

वहीं डीआईजी इरशाद वली का कहना कि कोई कंपलेन आएगी, तब पुलिस भेजेंगे। वहीं पत्रिका समाचार पत्र में खबर के प्रकाशित होने के बाद एडीजी गुरुवार को सुबह 6:30 बजे ही बंगले से निकल गए।

वहीं टीटी नगर थाने के टीआई का कहना है कि हम व्यक्तिगत मामले में दखलअंदाजी नहीं कर सकते। जबकि समाचार पत्र में खबर के प्रकाशित होने के बाद सुबह से ही मीडियाकर्मी इस खबर में कार्रवाई के संबंध में बंगले पर पहुंचने शुरू हो गए हैं।

जानिये क्या कहते हैं जानकार…
वहीं इस मामले को लेकर जानकारों का कहना है कि ऐसे मामलों में पुलिस को जांच करनी ही चाहिए। वह स्वत: संज्ञान में इसे ले सकती है। लेकिन शायद बड़े अधिकारी द्वारा ऐसा किए जाने के चलते नीचे के अधिकारी ऐसे मामले पर कुछ करते नहीं दिख रहे हैं। यानि ऐसा लगता है पुलिस अधिकारी मिश्रा के एडीजी होने से उनके बंगले मे जाने और पूछताछ की जहमत नहीं उठा पा रहे है।

इसके अलावा भी पुलिस समाचार पत्र की खबर को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई कर सकती है। जानकारों का मत है कि यदि मृत देह से दुर्गंध आनी शुरू हो गई है और इसके चलते पूर्व में कुछ जवान भी बीमार हो चुके हैं, तो ये मामला गंभीर है ऐसे में आसपास भी संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। अत: ऐसे में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।

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