यह कहना है ज्योतिषविद् डॉ. अजय भाम्बी का। वे सोमवार को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित ‘ज्योतिष, मीडिया और विश्वसनीयता’ विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में बोल रहे थे।
उन्होनें कहा कि वेदों में ज्योतिष को नेत्र बताया गया है। भारतीय ज्योतिष 96 हजार साल पुराना है। पूरा विज्ञान एस्ट्रोनॉमी पर टिका हुआ है अैर इसी में से एस्ट्रोलॉजी यानी ज्योतिष निकला। लेकिन विज्ञान ने एस्ट्रोनॉमी को ले लिया और ज्योतिष को छोड़ दिया। आध्यात्मिक होकर ही ज्योतिष से सही लाभ मिल सकता है।
केरल आपदा पर की थी भविष्यवाणी
स्टूडेंट्स के प्रश्नों के उत्तर देते हुए डॉ. भाम्बी ने कहा कि उन्होनें केरल में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर यूट्यूब चैनल पर भविष्यवाणी की थी कि देश के दक्षिणी हिस्सें में बारिश के दौरान विपदा आएगी। आज लाल किताब का दोहन और दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां हर शहर में पंचाग बदल जाता है। कंप्यूटर के माध्यम से कुंडली बनाकर उन्होनें ज्योतिषीय गणना में एकरूपता लाई।