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ज्योतिष आध्यात्म से जुड़ा है, धर्म से नहीं, 96 हजार साल पुराना है भारतीय ज्योतिष

locationभोपालPublished: Sep 19, 2018 10:00:30 am

Submitted by:

hitesh sharma

एमसीयू में ज्योतिष, मीडिया और विश्वसनीयता पर विशेष व्याख्यान

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ज्योतिष आध्यात्म से जुड़ा है, धर्म से नहीं, 96 हजार साल पुराना है भारतीय ज्योतिष

भोपाल। ज्योतिष आध्यात्मिकता से जुड़ा है, धर्म से नहीं। संसार में ज्योतिष पहले आया और धर्म बाद में। आज ज्योतिष का पतन हुआ है, जिसमें ज्योतिषियों के साथ मीडिया का भी योगदान है। ज्योतिष के नाम पर धांधली चल रही है और टीवी चैनल्स में कार्यक्रम के लिए ज्योतिषों ने पैसे देने शुरू कर दिये हैं।

यह कहना है ज्योतिषविद् डॉ. अजय भाम्बी का। वे सोमवार को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित ‘ज्योतिष, मीडिया और विश्वसनीयता’ विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में बोल रहे थे।

उन्होनें कहा कि वेदों में ज्योतिष को नेत्र बताया गया है। भारतीय ज्योतिष 96 हजार साल पुराना है। पूरा विज्ञान एस्ट्रोनॉमी पर टिका हुआ है अैर इसी में से एस्ट्रोलॉजी यानी ज्योतिष निकला। लेकिन विज्ञान ने एस्ट्रोनॉमी को ले लिया और ज्योतिष को छोड़ दिया। आध्यात्मिक होकर ही ज्योतिष से सही लाभ मिल सकता है।

 

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केरल आपदा पर की थी भविष्यवाणी
स्टूडेंट्स के प्रश्नों के उत्तर देते हुए डॉ. भाम्बी ने कहा कि उन्होनें केरल में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर यूट्यूब चैनल पर भविष्यवाणी की थी कि देश के दक्षिणी हिस्सें में बारिश के दौरान विपदा आएगी। आज लाल किताब का दोहन और दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां हर शहर में पंचाग बदल जाता है। कंप्यूटर के माध्यम से कुंडली बनाकर उन्होनें ज्योतिषीय गणना में एकरूपता लाई।
मनुष्यों, पशु पक्षियों सभी में छठी इंद्री होती है

डॉ. भाम्बी ने कहा कि मनुष्यों, पशु पक्षियों सभी में छठी इंद्री होती है जिसके माध्यम से उन्हे भविष्य का ज्ञान हो जाता है। जब तक हम प्रकृति से जुड़े रहते है तब तक छठी इंद्री जाग्रत रहती है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि डॉ. भाम्बी ने ज्योतिष को लोक विमर्श का हिस्सा बनाया, जो पहले विद्वानों के हस्तक्षेप का विषय था। कार्यक्रम का संचालन मीडिया प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अविनाश वाजपेयी ने किया। इस मौके पर कुलाधिसचिव लाजपत आहुजा भी मौजूद रहे।
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