– 2003 के सत्ता-परिवर्तन में अहम थे बिजली-पानी
प्रदेश में 2003 में सत्ता परिवर्तन का बड़ा कारण बिजली, पानी और खराब सड़कें भी थीं, तब उमा भारती के चेहरे को आगे करके भाजपा ने तत्कालीन सीएम दिग्विजय सिंह की 10 साल की कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल किया था। आमतौर पर लोकसभा चुनाव में बिजली-पानी मुद्दा नहीं बन पाते हैं, लेकिन भीषण गर्मी के चलते इस बार इनका असर चुनावी नतीजों पर दिख सकता है। हर दिन आम आदमी की बढ़ती परेशानी इस पर गुस्से को बढ़ा रही है।
प्रदेश में 2003 में सत्ता परिवर्तन का बड़ा कारण बिजली, पानी और खराब सड़कें भी थीं, तब उमा भारती के चेहरे को आगे करके भाजपा ने तत्कालीन सीएम दिग्विजय सिंह की 10 साल की कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल किया था। आमतौर पर लोकसभा चुनाव में बिजली-पानी मुद्दा नहीं बन पाते हैं, लेकिन भीषण गर्मी के चलते इस बार इनका असर चुनावी नतीजों पर दिख सकता है। हर दिन आम आदमी की बढ़ती परेशानी इस पर गुस्से को बढ़ा रही है।
बिजली कटौती कहीं नहीं हो रही है। कुछ लोकल शिकायतें रहती हैं तो उन्हें हल किया जाता है। बिजली सरप्लस है, आपूर्ति भी पिछले साल से 15 फीसदी ज्यादा है। ट्रिपिंग कहीं-कहीं होती है तो उसमें सुधार और कार्रवाई होती है, लेकिन यह भी पिछले साल से कम है।
– आइसीपी केसरी, अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा विभाग
– आइसीपी केसरी, अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा विभाग
पानी के परिवहन पर कोई रोक नहीं है। परिवहन की पूरी जानकारी संकलित करके मुख्यालय को भेजने के लिए कहा गया है। जनता को जलापूर्ति पहली प्राथमिकता में हैं। केवल यह ध्यान रखना है कि सरकारी राशि का दुरुपयोग न हो। हर स्तर पर जलसंकट को दूर करने के निर्देश दिए हैं।
– संजय दुबे, प्रमुख सचिव, शहरी आवास एवं विकास विभाग
– संजय दुबे, प्रमुख सचिव, शहरी आवास एवं विकास विभाग