scriptएक किस्सा: जब अटलजी ने कहा था- मैं शादी के लिए तैयार हूं पर दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए | AtalBihariVajpayee: Ek Kissa interesting facts of ex pm | Patrika News

एक किस्सा: जब अटलजी ने कहा था- मैं शादी के लिए तैयार हूं पर दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए

locationभोपालPublished: Dec 25, 2019 09:45:33 am

Submitted by:

Pawan Tiwari

अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे।

एक किस्सा: जब अटलजी ने कहा था- मैं शादी के लिए तैयार हूं पर दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए

एक किस्सा: जब अटलजी ने कहा था- मैं शादी के लिए तैयार हूं पर दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए

भोपाल. एक प्रखर वक्ता। प्रभावशाली व्यक्तिगत। राजनीति का अजातशुत्र। रूक-रूक कर बोलने की शैली। जिस नेता की आवाज सुनकर लोग ठहर जाते थे और विपक्षी भी खमोश हो जाते थे लेकिन अपने जीवन के आखिरी सालों में ये नेता बोल नहीं पाया। वाणी के धनी रहे इस शख्स के जीवन का अंत ऐसा होगा, यह शायद ही किसी ने सोचा हो। एक किस्सा में आज बात भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की। दुनिया में 25 दिसंबर क्रिसमस के लिए जाना जाता है पर भारत में 25 दिसंबर क्रिसमस के साथ-साथ अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के लिए जाना जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री से जुड़े बहुत से किस्से हैं। कुछ बेहद दिलचस्प भी हैं। लेकिन हम आपको कुछ ऐसे किस्सों के बारे में बताएंगे जिनके बारे में लोग कम ही जानते हैं।
एक किस्सा: जब अटलजी ने कहा था- मैं शादी के लिए तैयार हूं पर दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए
घर के भीतर गाड़ी कौन चलाता है

अटलजी का मध्यप्रदेश के ग्वालियर से गहरा नाता रहा। वाजपेयीजी अक्सर दिल्ली से ग्वालियर बिना किसी को कुछ बताए चले जाते थे। वहां की सड़कों पर यहां-वहां घंटों घूमते रहते थे। राजमाता विजयाराजे सिंधिया भी कांग्रेस को छोड़कर जनसंघ में शामिल हो चुकी थीं। राजमाता के जनसंघ में शामिल होने के बाद अटलजी ग्वालियर आए। अटल जी छाता लगाकर ग्वालियर के पाटनकर बाजार में घूम रहे थे। तभी वहां कुछ जनसंघ के कार्यकर्ताओं ने अटलजी को देखा। कार्यकर्ताओं ने अटल जी के ग्वालियर में होने की बात राजमाता विजयाराजे सिंधिया को बताई। जब राजमाता ने पूछा अटल बिहारी कहां हैं तो कार्यकर्ताओं ने बताया वो पैदल पाटनकर बाजार में घूम रहे हैं। ये बात राजमाता को अच्छी नहीं लगी और उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को फोन किया। कहा- ये कैसी पार्टी है आपकी, पार्टी के सबसे बड़े नेता सड़क पर पैदल घूम रहे हैं, क्या उनके लिए गाड़ी का इंतजाम नहीं हो सकता?
एक किस्सा: जब अटलजी ने कहा था- मैं शादी के लिए तैयार हूं पर दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए
थोड़ी देर बाद राजमाता सिंधिया के पास उस नेता का फोन आया। उस नेता ने राजमाता से कहा- वाजपेयीजी ने गाड़ी वापस भेज दी है। अटल पैदल ही राजमाता से मिलने जयविलास पैलेस पहुंचे। राजमाता ने अटल से कहा- आप देश के इतने बड़े नेता हैं और सड़कों पर पैदल घूम रहे हैं। अटल ने राजमाता को टोकते हुए कहा- भला घर के भीतर भी कोई गाड़ी से चलता है। ग्वालियर तो मेरा घर है और मैं ग्वालियर में पैदल ही घूमना चाहता हूं…इसके बाद राजमाता हंसने लगीं और फिर दोनों के बीच लंबी सियासी बैठक चली।
मनमोहन को इस्तीफा देने से रोका
अटलजी राजनीति और व्यक्तिगत जीवन को अलग रखते थे। ये किस्सा डॉ मनमोहन सिंह और अटलजी से जुड़ा है। 1991 में केंद्र में पीवी नरसिंहराव की सरकार थी और वित्त मंत्री थे डॉ मनमोहन सिंह। अटल बिहारी वाजपेयी जी लखनऊ से सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। मनमोहन ने अपना बजट भाषण दिया। अटलजी ने अपने भाषण में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा पेश किए गए बजट की जमकर आलोचना की। अटलजी की आलोचना से मनमोहन सिंह दुखी हो गए और प्रधानमंत्री राव को इस्तीफा देने की पेशकश कर दी।
एक किस्सा: जब अटलजी ने कहा था- मैं शादी के लिए तैयार हूं पर दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए
राव ने तुरंत ही वाजपेयीजी को फोन किया और पूरी कहानी बताई। इसके बाद अटलजी, मन मोहन सिंह से मुलाकात करने पहुंचे। अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें समझाते हुए कहा- आपका बजट भाषण अच्छा था। मैंने जो आलोचना कि है वो राजनीतिक है, इसको व्यक्तिगत नहीं लेना चाहिए। इसके बाद डॉ मनमोहन सिंह मान गए और इस्तीफा देने का विचार बदल दिया। तब से कहा जाता है कि हर 25 दिसंबर को अटलजी के जन्मदिन पर मनमोहन सिंह अटल बिहारी से मिलने जाते थे।
दहेज में पाकिस्तान चाहिए
अटल बिहारी वाजपेयी जितने प्रखर वक्ता थे उतने ही जाहिर जवाब भी थे। 16 मार्च, 1999 को भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को मधुर बनाने के लिए दोनों देशों के बीच बस सेवा शुरू हुई। अमृतसर-लाहौर बस सेवा शुरू करने के दौरान प्रधानमंत्री अटल बिहारी खुद बस में सवार हो कर लाहौर गए। वहां उनका जोरदार स्वागत किया गया इस दौरान उन्होंने वहां के गवर्नर हाउस में जबरदस्त भाषण दिया। अटल जी के इसी भाषण के पश्चात एक पाकिस्तानी महिला पत्रकार ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से सवाल पूछा।
महिला पत्रकार ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से पूछा कि आपने अब तक शादी क्यों नहीं की। मैं आपसे शादी करना चाहती हूं। लेकिन मेरी एक शर्त है कि आप मुंह दिखाई में मुझे कश्मीर दे देंगे। महिला पत्रकार की बात को सुनकर अटल जी हंस पड़े और बोले। मैं शादी के लिए तैयार हूं लेकिन मुझे दहेज़ में पूरा पाकिस्तान चाहिए।
वोट तभी करना जब मैं सही हूं
अटल जी खुद की भी बुराई करते थे। अटल बिहारी 1991 में विदिशा संसदीय सीट से चुनाव लड़ने आए। उन्होंने यहां नामांकन फार्म भरने के बाद एक जनसभा को संबोधित किया। अटल जी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- आप लोग मटका खरीदते हैं क्या…रैली में मौजूद लोगों ने कहा- हां…तब अटल ने पूछा मटका खरीदते समय क्या करते हो। रैली में मौजूद लोग बोले टोक-पीट कर देखते हैं कि मटका फूटा हो नहीं है। तब अटल जी ने कहा- वोट करने से पहले मटके की तरह मुझे भी टोक-पीट लेना फिर वोट देना अगर सही नहीं लगूं तो वोट मत करना।
एक किस्सा: जब अटलजी ने कहा था- मैं शादी के लिए तैयार हूं पर दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए
आडवाणीजी दूल्हा बने हैं
ये तो सभी जानते हैं कि अटलजी एक अच्छे कवि थे। पर ये कम लोग ही जानते होंगे की अटल जी लेटर भी बहुत लिखते थे। किस्सा है 1991 का। अटल जी के एक दोस्त श्याम सुंदर लद्रेछा की शादी तय हुई थी। श्याम सुंदर ने वाजपेयी को न्योता भेजा। उस समय वाजपेयी का नाम भावी प्रधानमंत्री के तौर पर देखा जा रहा था। वाजपेयी ने न्योते के जवाब में लिखा- ‘यह जानकर खुशी हुई कि आप चतुर्भुज होने जा रहे हैं। बधाई, इच्छा होते भी आना संभव नहीं है। यहां भी एक बारात चढ़ रही है। आडवाणी जी उसमें दूल्हा हैं। नई दिल्ली की सरकार को ब्याहकर लाना है। नहीं आ पाऊंगा।
कांग्रेस से पहले मच्छर को हराना है
1957 का लोकसभा चुनाव था। अटल बिहारी वाजपेयी यूपी के बलरामपुर लोकसभा से जनसंघ के प्रत्याशी थे। देर रात चुनाव प्रचार करने के बाद बलरामपुर में अपने मित्र राम दुलारे मिश्र के रूके। एक दिन रात में दो बजे अटल जी चारपाई पर बैठे थे। दूसरी चारपाई पर अटल जी के दूसरे साथ बैजनाथ सिंह सो रहे थे। अचानक उनकी नींद खुली तो देखा की अटलजी रात के दो बजे बैठे हैं। उन्होंने पूछा क्या आपको नींद नहीं आ रही है। अटल ने कहा, ‘सोना तो चाहता हूं लेकिन मच्छर और कांग्रेस दोनों नींद में खलल डाल रहे हैं। अब कांग्रेस के साथ-साथ मच्छरों के खिलाफ भी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। पहले मच्छरों को हरा दूं तब तो कांग्रेस से लडूंगा।
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हार पर देखी फिल्म
अटल जी फिल्मों के भी बड़े शौकीन थे। अटल बिहारी वाजपेयी की जितनी दिलचस्पी राजनीति में थी उनती ही दिलचस्पी उनकी फिल्मों में भी थी। दिल्ली में नयाबांस में उपचुनाव में पार्टी की हार से आडवाणी विचलित थी। लेकिन अटल जी शांत बैठे थे। अटल अचानक उठे और आडवाणी से कहा- चलो फिल्म देखने चलते हैं। अटल की बात सुनकर आडवाणी ने कहा- पार्टी की हार हुई है और आप सिनेमा की बात कर रहे हैं। जवाब में अटल ने कहा- हार जीत तो लगी रहती है। हार जीत को खुद पर हावी मत होने दो। चलो मनोरंजन करके आते हैं उसके बाद दोनों नेता पहाड़गंज थिएटर गए और राज कपूर की फिल्म देखी।
पहले इन्हें पार लगा दो
सितंबर 1992 में जम्मू में बाढ़ आई थी। इस बाढ़ के कारण जम्मू के पास अखनूर में चिनाब नदी का पुल बह गया। अटल तब इस क्षेत्र का दौरा करने आए। नदी पार जाने के लिए सेना मोटर बोट से लोगों को ले जाती। जब अटल यहां दौरा करने आए तो उनके साथ पार्टी नेता भी आए। जब अटल नाव में बैठे तो सेना के लोगों ने कहा नाव में कुल 4 लोग बैठ सकते हैं। इतना सुनते ही अटल नाव से उतर गए। कहा पहले इनको पार लगा दो फिर मुझे लेकर जाना।
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शादी से ज्यादा जरूरी अखबार
कवि के साथ-साथ अटल जी पत्रकार भी थे। वाजपेयी जी स्वदेश अखबार के लखनऊ संपादक थे। उसी दौरान कानपुर में अटलजी की बहन की शादी थी। नानाजी देशमुख ने अटल से कहा कि तुम्हारी बहन की शादी है और तुम यहां हो। अटलजी बोले- शादी से ज्यादा जरूरी तो अखबार है। शादी तो मेरे गए बिना भी हो जाएगी। नानाजी देशमुख चुपचाप लखनऊ से कानपुर चले गए। वहां उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय को ये बात बताई। दीन दयाल उपाध्यय तुरंत लखनऊ आए और अटलजी से कहा, यह जो गाड़ी खड़ी है। इसमें बैठकर तुरंत कानपुर जाओ। अटल ने पूछा क्या हुआ- दीनदलाय उपाध्याय बोले- जाओ बहन की शादी में शामिल हो और मुझसे कोई तर्क मत करना। उसके बाद अटलजी अपनी बहन की शादी में शामिल हुए।
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