इस संबंध में वकील वृंदावन तिवारी की ओर से याचिका लगाई गई थी। जिस पर जबलपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और न्यायाधीश विजय कुमार शुक्ला की बेंच ने सुनवाई की। अपने फैसले में उन्होंने उन सभी गेस्ट फेक्ल्टी को राहत दी जो पिछले साल जिस कॉलेज में पढ़ा रहे थे, वहीं पदस्थापना करवाना चाहते थे।
कोर्ट ने आदेश में कहा कि ऐसे सभी अतिथि व्याख्याता 14 अक्टूबर को शाम 4 बजे तक कॉलेजों में ज्वानिंग दें। आदेश उन्हीं शिक्षकों पर मान्य होगा जिन्होंने अभी तक किसी कॉलेज में ज्वाइनिंग नहीं दी है। इसके अलावा जिन्होंने गत वर्ष ज्वाइनिंग वाले कॉलेज में ही पढ़ाया हो।
इस तय अवधि के बाद रिक्त सीटों पर वरीयता के आधार पर अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति की जाएगी। हाई कोर्ट के आदेश के बाद उच्च शिक्षा विभाग भी आदेश की समीक्षा करने में जुट गया। सभी सरकारी कॉलेजों को क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय की तरफ से अतिथि व्याख्याताओं को ज्वाइनिंग देने के निर्देश दिए गए।
इधर, MP के निजी कॉलेजों में नहीं होंगे छात्रसंघ चुनाव :-मध्यप्रदेश के शिक्षण संस्थानों में होने वाले
छात्र संघ चुनाव में निजी कॉलेजों को शामिल नहीं किया गया है। यह चुनाव प्रक्रिया से बाहर रहेंगे।
atithi shikshak latest news 27/08/2017- अतिथि शिक्षकों को जानिये कितने साल की मिलेगी छूट! उच्च शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। उच्च शिक्षा विभाग की अपर सचिव डॉ.जयश्री मिश्रा ने जारी आदेश में कहा है कि गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय कॉलेज चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे। इसी के साथ छात्र संघ के अध्यक्ष पद के लिए प्रथम वर्ष स्नातक कक्षा का छात्र पात्र नहीं होगा।
शेष पदों के लिए किसी प्रकार का बंधन नहीं होगा। छुट्टी निरस्त की: छात्र संघ चुनाव के मद्देनजर उच्च शिक्षा विभाग ने 23 से 30 अक्टूबर तक सभी कर्मचारियों, प्रोफेसर्स के अवकाश निरस्त कर दिए हैं।
: वेरीफिकेशन के लिए फिर बढ़ी तारीख, अब जल्दी पहुंचे स्कूल – 4/9/2017 उन्हें इस अवधि में मुख्यालय पर उपस्थित रहना होगा। अपर सचिव उच्च शिक्षा की अनुमति के बिना कोई अवकाश नहीं ले सकेगा। इस संबंध में सभी अतिरिक्त संचालक, विवि के कुलसचिव और कॉलेज प्राचार्यों को निर्देश दे दिए गए हैं।