अतिथि शिक्षक संघ के पीडी खैरवार ने बताया है, कि सत्याग्रह स्थल शाहजहांनी पार्क में कॉलेजों के विद्वान एवं स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षकों ने संयुक्त रूप से झंडावंदन किया। गांधी आलय विचार सेवा संघ के संस्थापक चंद्रशेखर सिंह ने ध्वजारोहण किया। उन्होंने सत्याग्रहियों को संबोधित करते हुए चिंता जताई कि इतने लंबे समय तक आंदोलन में डटे रहने के लिए विवश गुरुजनों का संघर्ष खुद के स्वार्थ के लिए नहीं,बल्कि सारा समाज के हित के लिए है। उन्होंने यह भी कहा, कि समाज को सही दिशा देने वाला शिक्षक का संघर्ष सफल होना ही चाहिए। तभी समाज का अन्य वर्ग संघर्षों पर भरोसा करेगा, तभी लोकतंत्र सार्थक होगा। उन्होंने संघर्ष को सफल बनाने के लिए आखिरी दम तक साथ और समर्थन देने का वचन भी दिया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील परिहार ने बताया है, कि अतिथि शिक्षकों की जायज मांग को आज भी सरकार हल्के में ले रही है। वादा करने के बावजूद भी नियमितीकरण की जायज मांग को समय पर पूरी नहीं की जा रही है। संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी नवीन शर्मा ने बताया कि जवाबदार मंत्री गण अब गोलमोल जवाब देते अपना पल्ला झाडऩे में लग गए हैं। बावजूद इसके सरकार का ध्यान निराकरण की ओर नहीं जा पा रहा है। राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगे के नीचे अर्धनग्न होकर भी अपने पेट का दर्द बताने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। पूरा भारतवर्ष गणतंत्र दिवस खुशहाली से मना रहा है, वहीं पर अतिथि शिक्षक अपने घर परिवार और स्कूलों को छोड़कर धरना स्थल पर तिरंगा फहरा कर तिरंगे की नीचे अर्धनग्न होकर प्रदर्शन कर रोजी रोटी के अधिकार को बताने के लिए मजबूर है।
गणतंत्र पर्व के अवसर पर जय भारत नुक्कड़ के माध्यम से भारत माता का प्रदर्शन किया गया। भारत माता का प्रदर्शन कर रहीं अतिथि शिक्षिका ने संघर्षशील रहकर अपना हक छीनने का संदेश सत्याग्रहियों को दिया। अनवर अहमद कुरैशी की अगुवाई में तरह-तरह के संदेश वाहक गीतों के माध्यम से सरकार तक संदेश पहुंचाने का प्रदर्शन पूरा दिन तिरंगे के नीचे किया जाता रहा।