घोषणा पत्र में जहां महिलाओं, किसानों व युवाओं आदि को खास महत्व दिया गया है। वहीं जानकारों की मानें तो चुनावों में होते दिख रहे नुकसान को साधने के लिए भी भाजपा की ओर से इसमें कुछ खास बातें कहीं गई हैं।
इसके तहत घोषणा पत्र के विकास के कीर्तिमान के नीचे सर्वसुलभ शिक्षा के पहले ही प्वाइंट में लिखा गया है कि सामान्य वर्ग के भी गरीब परिवारों के बच्चों की कक्षा एक से पीएचडी तक की शिक्षा का खर्च सरकार वहन करेगी।
इस मामले में राजनीति के जानकार डीके शर्मा का कहना है कि ये बात कई तरह के संदेह पैदा करती है। जानकारों की माने तो जहां एक ओर यह साफतौर से भाजपा का सवर्णों को अपनी ओर खींचने का तरीका दिखता है। वहीं नाराज सवर्णों को मनाने की एक पहल के रूप में भी इसे देखा जा रहा है। इसके अलावा नाराज किसानों को मनाने, महिलाओं व युवाओं को खुश करने के लिए भी कई वादे किए गए हैं।
जानकारों की माने तो भाजपा प्रदेश में सबसे ज्यादा अगर किसी चीज को लेकर भयभीत है तो वो हे एट्रोसिटी एक्ट के विरोध को लेकर, ऐसे में गरीब सामान्य वर्ग के रूप में इस बात का जिक्र आना कहीं न कहीं मरहम लगाने की कोशिश दिखती है।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस के जाल से बाहर निकालने का प्रयास यदि किसी राज्य ने किया तो मध्यप्रदेश ने। आज की स्थिति में 10% आर्थिक विकास अकल्पनीय है। अरुण जेटली ने कहा, लगातार 20% कृषि विकास दर हासिल करते हुए मप्र कृषि क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन जाए यह कल्पना 2003 में नहीं की जा सकती थी।
भाजपा के घोषणा पत्र के खास वादे … – नई योजना के माध्यम से छोटे किसानों को लाभ देने की कोशिश रहेगी। इसके अलावा किसानों के लिए पहले से चल रही सभी योजनाएं जारी रहेगी।
– इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनेंगे। वहीं सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों के बच्चों की कक्षा एक से लेकर पीएचडी तक की शिक्षा का खर्च सरकार उठाएगी। – महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘फीमेल एक्सेस टू जस्टिस’ योजना बनाई जाएगी। महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में शिकायत, जांच और अभियोजन की मजबूत निगरानी के लिए एक राज्यव्यापी एमआईएस प्रणाली शुरू करेंगे। पार्टी ने महिलाओं के प्रति पुरुषों की मानसिकता बदलने के उद्देश्य से विशेष संवेदनशीलता कार्यक्रम शुरु करने का भी वायदा किया है।
– हर साल 10 लाख रोजगार, स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास हम करेंगे। युवा उद्यमियों को स्टार्ट अप की सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। नए इंडस्ट्रियल टाउनशिप स्थापित करेंगे। व्यापारी कल्याण कोष की स्थापना करने का लक्ष्य रखा ।
– नर्मदा एक्सप्रेस वे, चंबल एक्सप्रेस वे और औद्योगिक कॉरीडोर विकसित करने का लक्ष्य हमने निर्धारित किया है, बिजली की क्षमता को 14000 मेगावाट तक हम ले जाएंगे, मेट्रो प्रोजेक्ट प्रस्तावित है। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के लिए नलजल योजना।
– प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग यूनिवर्सिटी स्थापित होगी। प्रदेश की कृषि उपज के व्यापार को बढ़ाने पार्टी ने एक समर्पित बंदरगाह बनाने की बात कही है। इसके तहत समुद्र किनारे जमीन लेकर मध्यप्रदेश समृद्धि पोर्ट बनाया जाएगा। साथ ही स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने किसान समृद्धि कॉरिडोर बनेगा।
– बारहवीं कक्षा में 75 फीसदी अंक लाने वाली छात्राओं को सरकार स्कूटी देगी। शिक्षा व्यवस्था में नैतिक और सांस्कृतिक शिक्षा को विशिष्ट स्थान दिया जाएगा। – महिला स्वास्थ्य सुधारने जननी एक्सप्रेस वाहनों की संख्या दोगुनी की जाएगी। एकल माताओं के बच्चों की पढ़ाई के लिए विशेष सहायता निधि और नि:संतान गरीब महिलाओं के लिए आईवीएफ के खर्च में 100 फीसदी सहायता देने की भी घोषणा की गई है।
– महिलाओं के सशक्तिकरण में हमने कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस बार हमने ‘नारी शक्ति संकल्प पत्र’ प्रस्तुत किया है जिसमें महिला सशक्तिकरण के लिए स्वसहायता समूहों, तेजस्विनी द्वारा स्वरोजगार को अभियान बनाया जाएगा
– व्यापारियों के व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन करेंगे। – कर्मचारी कल्याण के लिए वेतन आयोग का गठन करेंगे।