scriptप्रदेश के 11 जिलों की रेत खदानों की नीलामी इसी माह | Auction of sand mines of 11 districts of the state this month | Patrika News

प्रदेश के 11 जिलों की रेत खदानों की नीलामी इसी माह

locationभोपालPublished: Oct 17, 2021 08:00:20 pm

Submitted by:

Ashok gautam

– लोगों को मिलेगी सस्ती और सुलभ रेत- अलीराजपुर जिले में उप चुनाव के बाद होगी रेत की नीलामी, उज्जैन और आगर मालवा जिले में रेत खदान की चौथी बार होगी निलामी

Deosar SDM again took action on illegal sand mining in Singrauli

Deosar SDM again took action on illegal sand mining in Singrauli

भोपाल। प्रदेश के 11 जिलों की रेत खदानों की नीलामी इसी माह होंगी। इससे जहां सरकार को लाखों रूपए हर माह रायल्टी मिलेगी, वहीं लोगों को भी सस्ती और सुलभ रेत मिल सकेगी। क्योंकि इन जिलों की रेत खदाने चालू हो जाएगी। जिन जिलों में रेत खदानों की नीलामी की जा रही है, उनमें छतरपुर, रायसेन, भिंड, पन्ना, मंदसौर, रीवा, राजगढ़, धार, शिवपुरी, रतलाम, शाजापुर जिले शामिल है।
अलीराजपुर जिले में उप चुनाव है, इसके चलते इस जिले के रेत समूह की खदानों की निविदा आचार संहिता समाप्त होने के बाद जारी की जाएगी। वहीं उज्जैन और आगर-मालवा जिले की रेत खदानें तीन प्रयासों के बाद भी नीलाम नहीं हो पाईं। इसलिए नीलामी का चौथा प्रयास किया जा रहा है।
रेत समूह को नीलाम करने के लिए 5 से लेकर 40 समूह बनाए गए हैं। इन समूहों में 40 हजार से लेकर 27 लाख घनमीटर तक रेत की मात्रा आंकी गई है। खदानों की नीलामी जिला स्तर पर कलेक्टर की देखरेख में होगी, पर निविदा राज्य स्तर से एकजाई निकाली जाएगी। नदी-नालों में पानी कम हो गया है और एनजीटी ने रेत खदानें चालू करने की अनुमति भी दे दी है। वहीं निर्माण और विकास कार्य भी शुरू हो गए हैं, जिनमें दीपावली बाद तेजी आएगी। ऐसे में खदानों की नीलामी में देरी की, तो रेत चोरी बढ़ जाएगी। इससे सरकार को नुकसान होगा। इसलिए खनिज साधन विभाग नीलामी की पूरी तैयारी कर चुका है।


किस्त जमा नहीं करने से आठ ठेके हुए थे निरस्त
ठेकेदार समय पर रायल्टी की किस्त जमा नहीं कर पाए, इसलिए खनिज साधन विभाग ने आठ रेत खदानें निरस्त कर दिए थे। जबकि चार ठेकेदारों ने खुद ही खदानें छोड़ दी हैं।
इनमें रायसेन, आलीराजपुर, मंदसौर, रीवा, शिवपुरी, रतलाम, भिंड, पन्न, शाजापुर, छतरपुर और धार की खदानें शामिल हैं। ठेकेदारों को इतनी महंगी खदानें न लेना पड़े कि रायल्टी की राशि भी न चुका पाएं, इसलिए सरकार ने तहसील स्तर पर खदानों का समूह तैयार करने का निर्णय लिया है।
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