रेत समूह को नीलाम करने के लिए 5 से लेकर 40 समूह बनाए गए हैं। इन समूहों में 40 हजार से लेकर 27 लाख घनमीटर तक रेत की मात्रा आंकी गई है। खदानों की नीलामी जिला स्तर पर कलेक्टर की देखरेख में होगी, पर निविदा राज्य स्तर से एकजाई निकाली जाएगी। नदी-नालों में पानी कम हो गया है और एनजीटी ने रेत खदानें चालू करने की अनुमति भी दे दी है। वहीं निर्माण और विकास कार्य भी शुरू हो गए हैं, जिनमें दीपावली बाद तेजी आएगी। ऐसे में खदानों की नीलामी में देरी की, तो रेत चोरी बढ़ जाएगी। इससे सरकार को नुकसान होगा। इसलिए खनिज साधन विभाग नीलामी की पूरी तैयारी कर चुका है।
किस्त जमा नहीं करने से आठ ठेके हुए थे निरस्त
ठेकेदार समय पर रायल्टी की किस्त जमा नहीं कर पाए, इसलिए खनिज साधन विभाग ने आठ रेत खदानें निरस्त कर दिए थे। जबकि चार ठेकेदारों ने खुद ही खदानें छोड़ दी हैं।
इनमें रायसेन, आलीराजपुर, मंदसौर, रीवा, शिवपुरी, रतलाम, भिंड, पन्न, शाजापुर, छतरपुर और धार की खदानें शामिल हैं। ठेकेदारों को इतनी महंगी खदानें न लेना पड़े कि रायल्टी की राशि भी न चुका पाएं, इसलिए सरकार ने तहसील स्तर पर खदानों का समूह तैयार करने का निर्णय लिया है।