भोपाल

बीयू में शिक्षकों और कर्मचारियों का अटका वेतन, ऑडिट आपत्तियों ने उड़ाए होश

कहा जब पद ही स्वीकृत नहीं तो नियमित कैसे, कैसा वेतन

भोपालAug 07, 2018 / 08:01 am

Sumeet Pandey

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भोपाल. बरकतउल्ला विवि में हाल ही में स्थायीकर्मी के रूप में नियमित किए गए कर्मचारियों और लंबे समय से कांट्रैक्ट पर काम करने वाले शिक्षकों का वेतन ऑडिट की आपत्ति के बाद अटक गया है। खासकर स्थायी किए गए कर्मचारी परेशान हैं। ऑडिट ने स्थायीकर्मी के रूप में नियमित किए गए कर्मचारियों के संबंध में विवि से स्वीकृत पदों के संबंध में जानकारी मांग ली है।
ऑडिट की आपत्ति है कि विवि में जब पद ही स्वीकृत नही हैं तो कर्मचारियों को नियमित कैसे कर दिया गया। एक सप्ताह का समय निकल जाने के बाद भी जुलाई माह का वेतन नही मिलने से परेशान शिक्षक और कर्मचारी सोमवार को कुलपति डॉ. डीसी गुप्ता के पास पहुंच गए।
 

दरअसल विवि में 26 सितंबर 1991 के बाद हुई नियुक्तियों को लेकर लगातार विवाद बना हुआ है। यहां पर बिना पदों की स्वीकृति के ही कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी गई है। इस संबंध में शासन से भी अनुमति नहीं ली गई। ऐसे में लंबे समय से काम करने के बावजूद कर्मचारियों की नौकरियों को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। ऑडिट की आपत्ति के बाद विवि के स्थापना विभाग ने भी मामले को गंभीरता से लिया है।
हड़ताल करने वाले कर्मचारी भी फंसे

इसके साथ ही विवि में अपनी मांगों को लेकर सात मार्च से चार अप्रैल 2018 तक कार्य बहिष्कार करने वाले कर्मचारी भी शासन के नियमों के फेर में फंस गए हैं। दरअसल कई कर्मचारी ऐसे हैं जो बिना कार्य किए हुए इस कार्य बहिष्कार के समय को कार्यदिवस के रूप में परिवर्तित करवाने पर अड़े हुए हैं।
जबकि विवि प्रबंधन ने कार्य बहिष्कार करने वाले कर्मचारियों को अर्जित अवकाश में समाहित कराने के लिए कहा था। 70 प्रतिशत कर्मचारियों ने सहमति भी दे दी, लेकिन विवि में कर्मचारियों अलग-अलग गुट होने के कारण कुछ कर्मचारियों ने ऐसा ही किया और इसी आपत्ति के चलते इन कर्मचारियों को वेतन भी अटक गया।
कुलपति को सौंपा ज्ञापन

इस संबंध में बरकतउल्ला विवि गैर शैक्षिक कर्मचारी संघ ने कुलपति को ज्ञापन देकर कार्य बहिष्कार की अवधि को अर्जित अवकाश में समाहित करने की मांग की है।

 
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