भोपाल

90% के पीछे नहीं दौड़ाया, बेटा बॉक्सिंग में ले आया तीन राष्ट्रीय पदक- पढ़ाई

 पढ़ाई में औसत था बेटा, माँ ने पहचानी ताकत, आठवीं की परीक्षा के बाद से बेटे को खेलों से जोडा, – मदर्स डे स्पेशल प्रवीण मालवीय भोपाल. गंगा शर्मा का ब

भोपालMay 12, 2019 / 07:06 am

praveen malviya

कार गैराज के सुपरवाइजर विष्णु शर्मा ने हर पिता की तरह यह सपना देखा कि बेटा बड़ा होकर उनकी तरह नौकरी न करें, बल्कि अच्छी नौकरी हासिल करके बड़ा आदमी बने। लेकिन हिमांशु शुरू से औसत विद्यार्थी था। विष्णु शर्मा ने पढ़ाई में प्रदर्शन सुधारने के लिए अच्छे स्कूल में एडमिशन कराया, कोचिंग भी लगवाई लेकिन हिमांशु की पढ़ाई की गाड़ी पटरी पर नहीं आई।

उसका मन पढ़ाई से ज्यादा खेलों में लगता था। आठवीं कक्षा में जब बेटा बमुश्किल फस्र्ट डिवीजन के पास पहुंच सका तो मिसरोद में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली माँ गंगा ने एक अहम फैसला लिया। हिमांशु की ताकत और फुर्ती को खेलों में आजमाने का। हिमांशु को खेलों से जोडऩे के लिए तात्या टोपे स्टेडियम भेजना शुरू किया।

बच्चे की कद-काठी देखकर कोच ने उसे बॉक्सिंग खेलने की सलाह दी। हिमांशु ने एक बार जो पॉवर गेम की राह पकड़ी तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। माँ गंगा कहती है कि मेरा बेटा 80-90 परसेंट नहीं ला सकता यह बात जैसे ही मुझे समझ में आई मैं निराश नहीं हुई, आज मुझे बेटे पर गर्व है, अब एक ही इच्छा है वह देश के लिए खेले।

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