अप्रैरल मार्केट: बाजार में ग्राहक निकलते हैं तो जरूरत के सामान की खरीदारी अलग-अलग दुकानों से करते हैं लेकिन इस समय हालात खराब है। इसलिए कपड़ा बाजार में भी सन्नाटा छाया हुआ है।राजधानी व्यवसायी संघ के अध्यक्ष श्याम बाबू अग्रवाल का कहना है कि कपड़ा बाजार में सूटिंग-शर्टिंग के अलावा रेडीमेड व्यवसाय में भी मांग कमजोर बनी हुई है।
निर्माण सामग्री: गर्मियों के दिनों में निर्माण कार्य भी बहुतायत से होते हैं। डेवलपर्स का कहना है कि कोरोना वायरस की आ रही खबरों से साइटों पर लेवर नहीं मिल रही। ज्यादातर लोग वापस अपने गांवों की तरफ रूख कर चुके हैं। इसके असर से निर्माण सामग्री की मांग घट गई है।
शॉपिंग मॉल: राजधानी में शॉपिंग मॉल में घूमने और जरूरत का सामान लेने का टे्रड काफी तेजी से बढ़ा है लेकिन पिछले लगभग एक सप्ताह से यहां खुला-खुला माहौल देखने को मिल रहा है। भीड़ -भाड़ काफी कम हो गई है। कारोबारियों का कहना है कि मॉल की सभी दुकानों पर लोगों का आना जाना कम हो गया है।
किराना बाजार : शहर के थोक किराना बाजार में यूं तो बाहर से भी बड़ी संख्या में टे्रडर्स सामान खरीदने आते हैं लेकिन इन दिनों उनकी आमद भी काफी कम हो गई है। दाल-चावल के होलसेल कारोबारी ईश्वर दास संगतानी बताते हैं कि थोक बाजारों में बाहरी के साथ स्थानीय ग्राहकी भी काफी घट गई है।
कोरोना का खौफ
इलेक्ट्रानिक मार्केट: अन्य बाजारों की तरह ही इलेक्ट्रानिक्स मार्केट में भी कोरोना वायरस की खबरों का असर दिख रहा है। मोबाइल एसेसरीज, इलेक्ट्रानिक्स गुड्स चीन से भारत में ज्यादा आते हैं। इस समय आयात-निर्यात का काम भी ठंडा पड़ा हुआ है। जिससे स्थानीय शोरूमों में सामान की कमी के साथ ग्राहकों का भी अभाव देखा जा रहा है। कारोबारी श्याम बंसल बताते हैं कि बाजार में पर्याप्त मात्रा में सामान का स्टॉक है, लेकिन कस्टमर्स की कमी है।