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कोरोना का खौफ… बाजारों से 30 फीसदी तक कम हो गई ग्राहकी

locationभोपालPublished: Mar 14, 2020 10:57:06 pm

Submitted by:

Mohan singh rajput

शॉपिंग मॉल से लेकर रिटेल तक बने हैं ऐसे ही हालातभीड़ से बचने के लिए लोग बाजारों जाने से बच रहेकोरोना से दूर होने लगे उपभोक्ता

कोरोना का खौफ... बाजारों से 30 फीसदी तक कम हो गई ग्राहकी

Awe of corona … Subscription reduced by 30 from markets

भोपाल. कोरोना वायरस की खबरों ने लोगों को जहां बाजार में निकलना कम कर दिया है, वहीं बाजार पर इसका विपरीत असर देखने को मिल रहा है। राजधानी के बाजारों में भीड़भाड़ कम दिखाई देने लगी है। एक अनुमान के मुताबिक बाजारों में करीब 30 फीसदी ग्राहकी कम हो गई है। जानकारों का कहना है कि ऐसे ही हालात बने रहे तो बाजार से ग्राहकों के साथ टे्रडर्स (अन्य शहरों से सामान खरीदने वाले व्यापारी) की मांग भी घट जाएगी। पत्रिका ने पिछले एक सप्ताह से बाजारों पर नजर रखकर कारोबारियों से बातचीत की-
सराफा बाजार: सराफा बाजार में कोरोना वायरस का असर कमजोर ग्राहकी के रूप में देखा जा रहा है। कारोबारियों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में लगभग 30 फीसदी ग्राहकी कम हो गई है। लोग जरूरत के हिसाब से ही ज्वैलरी के सौदे कर रहे हैं। सराफा कारोबारी संजीव गर्ग गांधी बताते हैं कि राजधानी में कोरोना का एक भी मरीज अब तक सामने नहीं आया लेकिन लोगों के मन में भय बैठ गया है और वे भीड़भाड़ से बचने के लिए बाजार से दूरी बना रहे हैं।
होटल- रेस्त्रां: लोग बाहर निकलने के अलावा भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बच रहे हैं। यहीं कारण है कि होटल-रेस्त्रां के व्यवसाय पर भी कोरोना वायरस की खबरों का असर देखा जा रहा है। कारोबारी मामा जलेबी वाले के संचालक भरत विजयवर्गीय ने कहा कि पहली बार बाजार में ऐसे हालात दिखाई दे रहे हैं। लोग पहले सुबह से नाश्ता करने दुकानों पर पहुंच जाते थे, वहीं अब ग्राहकों का इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि खाने पर किसी तरह की रोक नही है, लेकिन बाजारों में भीड़ से बचने के लिए लोग घरों से नहीं निकल रहे।

बर्तन-मनिहारी बाजार : इन दिनों शादी-विवाह से बावजूद दिशावरी के साथ-साथ स्थानीय ग्राहकी का बर्तन एवं मनिहारी सामान विक्रेताओं के यहां अभाव है। कारोबारी अशोक तेजवानी बताते हैं कि सीजन होने के बावजूद बाजार में ग्राहक नहीं आ रहे हैं। उनके मन में अजीब सा भय समा गया है।
अप्रैरल मार्केट: बाजार में ग्राहक निकलते हैं तो जरूरत के सामान की खरीदारी अलग-अलग दुकानों से करते हैं लेकिन इस समय हालात खराब है। इसलिए कपड़ा बाजार में भी सन्नाटा छाया हुआ है।राजधानी व्यवसायी संघ के अध्यक्ष श्याम बाबू अग्रवाल का कहना है कि कपड़ा बाजार में सूटिंग-शर्टिंग के अलावा रेडीमेड व्यवसाय में भी मांग कमजोर बनी हुई है।
निर्माण सामग्री: गर्मियों के दिनों में निर्माण कार्य भी बहुतायत से होते हैं। डेवलपर्स का कहना है कि कोरोना वायरस की आ रही खबरों से साइटों पर लेवर नहीं मिल रही। ज्यादातर लोग वापस अपने गांवों की तरफ रूख कर चुके हैं। इसके असर से निर्माण सामग्री की मांग घट गई है।
शॉपिंग मॉल: राजधानी में शॉपिंग मॉल में घूमने और जरूरत का सामान लेने का टे्रड काफी तेजी से बढ़ा है लेकिन पिछले लगभग एक सप्ताह से यहां खुला-खुला माहौल देखने को मिल रहा है। भीड़ -भाड़ काफी कम हो गई है। कारोबारियों का कहना है कि मॉल की सभी दुकानों पर लोगों का आना जाना कम हो गया है।
किराना बाजार : शहर के थोक किराना बाजार में यूं तो बाहर से भी बड़ी संख्या में टे्रडर्स सामान खरीदने आते हैं लेकिन इन दिनों उनकी आमद भी काफी कम हो गई है। दाल-चावल के होलसेल कारोबारी ईश्वर दास संगतानी बताते हैं कि थोक बाजारों में बाहरी के साथ स्थानीय ग्राहकी भी काफी घट गई है।
कोरोना का खौफ
इलेक्ट्रानिक मार्केट: अन्य बाजारों की तरह ही इलेक्ट्रानिक्स मार्केट में भी कोरोना वायरस की खबरों का असर दिख रहा है। मोबाइल एसेसरीज, इलेक्ट्रानिक्स गुड्स चीन से भारत में ज्यादा आते हैं। इस समय आयात-निर्यात का काम भी ठंडा पड़ा हुआ है। जिससे स्थानीय शोरूमों में सामान की कमी के साथ ग्राहकों का भी अभाव देखा जा रहा है। कारोबारी श्याम बंसल बताते हैं कि बाजार में पर्याप्त मात्रा में सामान का स्टॉक है, लेकिन कस्टमर्स की कमी है।

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