राम मंदिर निर्माण के ट्रस्ट की घोषणा कर दी गई है लेकिन इस ट्रस्ट में कौन-कौन शामिल होगा इसका जिक्र नहीं किया गया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस ट्रस्ट में आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चारों मठों के शंकराचार्यों को ट्रस्ट में शामिल किया जा सकता है। वहीं, कर्नाटक के उडुपी पेजावर मठ के प्रतिनिधि को भी मौका मिल सकता है। इसके अलावा और भी कई लोग इस ट्रस्ट में शामिल हो सकते हैं।
आदि शंकाराचार्य ने देश के चारो कोनों में मठ की स्थापना की थी। उत्तर दिशा में बदरिकाश्रम में ज्योतिर्पीठ, पश्चिम में द्वारिका शारदा पीठ, दक्षिण में शृंगेरी पीठ और पूर्व दिशा में जगन्नाथ पुरी गोवर्द्धन पीठ की स्थापना की थी।
ज्योतिष एवं शारदा द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को इस ट्रस्ट में जगह मिल सकती है। स्वरूपानंद सरस्वती आदि शंकाराचार्य द्वारा स्थापित द्वारका पीठ मठ के शंकराचार्य हैं। स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म 2 सितम्बर 1924 को मध्य प्रदेश राज्य के दिघोरी गांव में ब्राह्मण परिवार में हुआ है। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा था- रामालय ट्रस्ट में सभी शंकराचार्य और रामानन्दी सम्प्रदाय से जुड़े अखाड़ा परिषद के सदस्य ही हैं और जगदगुरू स्वामी स्वरूपानंद जी सबसे वरिष्ठ होने के नाते उसके अध्यक्ष हैं। रामालय ट्रस्ट के माध्यम से ही रामलला के मंदिर निर्माण होना चाहिये।
सूत्रों का कहना है कि राम मंदिर ट्रस्ट में कर्नाटक के उडुपी पेजावर मठ के प्रतिनिधि को भी मौका मिल सकता है। मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती इस मठ से जुड़ी हुई हैं। हाल ही में पेजावर मठ के प्रमुख विश्वेश तीर्थ स्वामीजी (88) का उडुपी स्थित श्रीकृष्ण मठ में निधन हुआ है। विश्वेश स्वामी जी एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की कद्दावर नेता उमा भारती के गुरू थे। उमा ने कहा कि उनके गुरु एक बड़े कर्म योगी थे और उन्होंने ही मुझे कर्म योगी बनने की दीक्षा दी। उमा भारती ने 1992 में स्वामी जी से संन्यास दीक्षा ली थी। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि उमा भारती इस मठ के प्रतिनिधि के रूप में शामिल हो सकती हैं।