इस संबंध में आयुर्वेद के डॉक्टर राजकुमार का कहना है कि किडनी और लीवर साफ रखने का सबसे शानदार और खतरा रहित उपाय आयुर्वेद में ही है। जिसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होंगे और शरीर के दोनों प्रमुख अंग स्वस्थ भी रहेंगे। जिससे जवान और सेहतमंद रहेंगे।
डॉ. राजकुमार के अनुसार एक खास तरह से बनाए गए पानी से इन्हें आसानी से साफ किया जा सकता है, जिसे घर में भी आसानी से हर कोई बना सकता है। ऐसे करें अपने किडनी और लिवर को रोग मुक्त…
इसके तहत आपको धनिया और किशमिश के पानी का उपयोग करना होता है। जिसकी मदद से किडनी और लिवर के रोगों में मुक्ति मिल सकती है। यह प्रयोग जहां लिवर से फैट को बाहर निकालता है, वहीं इसके अलावा किडनी की क्रोनिक डिसीज़ से बचाने और किडनी स्टोन को बनने से रोकने में भी कारगर माना जाता है। इसके औषधीय गुण शरीर को डीटोक्सीफाई करने के लिए जरुरी होते हैं।
इसके तहत आपको धनिया और किशमिश के पानी का उपयोग करना होता है। जिसकी मदद से किडनी और लिवर के रोगों में मुक्ति मिल सकती है। यह प्रयोग जहां लिवर से फैट को बाहर निकालता है, वहीं इसके अलावा किडनी की क्रोनिक डिसीज़ से बचाने और किडनी स्टोन को बनने से रोकने में भी कारगर माना जाता है। इसके औषधीय गुण शरीर को डीटोक्सीफाई करने के लिए जरुरी होते हैं।
ये हैं फायदे…
दरअसल जानकारों के अनुसार धनिये का इस्तेमाल से लिवर, किडनी और पैन्क्रीयाज ठीक से अपना काम करने में मदद करता है। साथ ही इस प्रयोग से शरीर में जमा विषैले पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं। यह आसान सा उपाय लीवर और कीडनी के लिए बहुत फायदेमंद है।
दरअसल जानकारों के अनुसार धनिये का इस्तेमाल से लिवर, किडनी और पैन्क्रीयाज ठीक से अपना काम करने में मदद करता है। साथ ही इस प्रयोग से शरीर में जमा विषैले पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं। यह आसान सा उपाय लीवर और कीडनी के लिए बहुत फायदेमंद है।
ऐसे समझें इस्तेमाल की विधि… रामबाण उपाय: लिवर और किडनी के रोगों से छुटकारा पाने के लिए… 1. धनिये का पानी : धनिये को अपने डाइट में इस्तेमाल करना कोई मुश्किल काम नहीं है। आप सबसे पहले पानी में धनिये के पत्ते को डालकर उसे कम से कम 15 मिनट तक उबालें और फिर उसे एक साफ़ बोतल में छानकर रख लें।
इसके बाद इस पानी को आप रोज कुछ दिनों तक पियें फिर आप देखेंगे कि आपके हेल्थ में किस तरह से सुधार हो रहा है, धनिया का ये पानी आपके लिवर और किडनी को साफ़ कर देगा और इन दोनों से विषैले प्रदर्थो को भी शरीर से बाहर निकल देता है।
इसके बाद इस पानी को आप रोज कुछ दिनों तक पियें फिर आप देखेंगे कि आपके हेल्थ में किस तरह से सुधार हो रहा है, धनिया का ये पानी आपके लिवर और किडनी को साफ़ कर देगा और इन दोनों से विषैले प्रदर्थो को भी शरीर से बाहर निकल देता है।
2. धनिया और नींबू का सूप : इसको बनाने के लिए जरुरी चीजों के बारे में जान लें, ताजा धनिया के पत्तों का एक गुच्छा, आधा चम्मच मक्के का आटा, एक चम्मच क्रीम, मिर्च पाउडर, सेंधा नमक और एक कटा हुआ नींबू।
इसके लिए आप सबसे पहले धनिया के पत्तों को एक कप पानी में डालकर 15 मिनट तक उबाल लें और इसे अलग एक कप में रख दें। इसके बाद इसमें मक्के के आटे का पेस्ट बनाकर मिला दें। फिर इसमें क्रीम और एक चुटकी मिर्च पाउडर डालें, फिर अपने स्वादानुसार नमक मिलाएं और नींबू के रस को इसमें निचोड़ लें, इस तरह से आपका यह हेल्दी और गर्म सूप तैयार हो जाएगा।
3. किडनी-लीवर हो जाएंगे दुरस्त, रोज पिऐं ये पानी:
किशमिश का पानी रोज सुबह पीने से शरीर को विटामिन,मिनरल्स ढेर सारी मात्रा में प्राप्त होते हैं। साथ ही इसमें शुगर कंटेन्ट भी कम हो जाता है।
किशमिश का पानी रोज सुबह पीने से शरीर को विटामिन,मिनरल्स ढेर सारी मात्रा में प्राप्त होते हैं। साथ ही इसमें शुगर कंटेन्ट भी कम हो जाता है।
इसमें प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे आपकी सुरक्षा बीमारियों से होती रहती है। किशमिश और किशमिश का पानी सदियों से ह्दय और लीवर की बीमारी को ठीक करने के लिये प्रयोग किया आता जा रहा है।
किशमिश के पानी को लगातार 4 दिनों तक पीने से लीवर और किडनियां अच्छे से काम करने लगते है ओैर शरीर में जमे विशैले पदार्थ बाहर निकलते हैं। किशमिश खाने के स्वास्थ्यवर्धक फायदे किशमिश का पानी पीने से पाचन क्रिया दुरूस्त होती है, खून साफ होता है, एसिडिटी कम होती है। ह्दय मजबूत बना रहता है और खराब कोलेस्ट्रॉल दूर होता है। यह सब फायदे आपको किशमिश का पानी पीने के दो दिनों में ही दिखाई पड़ने लगेगा।
किशमिश का पानी बनाने की विधि…
2 कप पानी, 150 ग्राम किशमिश एक पैन में साफ पानी उबालें, फिर उसमें साफ धुली हुई किशमिश डालकर रातभर ऐसे ही पानी के अंदर छोड़ दें। दूसरे दिन सुबह पानी को छान लें और दुबारा धीमी आंच पर हल्का गरम करके खाली पेट पी लें। उसके बाद 20 से 35 मिनट तक रूकने के बाद ही नाश्ता करें। ऐसा 3-4 दिनों तक करें और लाभ देंखे।
2 कप पानी, 150 ग्राम किशमिश एक पैन में साफ पानी उबालें, फिर उसमें साफ धुली हुई किशमिश डालकर रातभर ऐसे ही पानी के अंदर छोड़ दें। दूसरे दिन सुबह पानी को छान लें और दुबारा धीमी आंच पर हल्का गरम करके खाली पेट पी लें। उसके बाद 20 से 35 मिनट तक रूकने के बाद ही नाश्ता करें। ऐसा 3-4 दिनों तक करें और लाभ देंखे।
गहरे रंग की किशमिश हमेशा गहरे रंग की किशमिश ही चुनें, साफ और चमकदार किशमिश में अक्सर रसायन मिले होते हैं जो स्वासथ्य के लिये हानिकारक होती है। इस ट्रीटमेंट को एक महीने में चार दिनों तक लगातार करें, इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं। मगर आपको शक्कर का सेवन थोड़ा कम करना होगा क्योंकि किशमिश में पहले से ही मिठास होती है।
इस तरह से आप अपने घर में ही इन प्राकृतिक उपाय के इस्तेमाल से अपने शरीर के लिवर और किडनी को साफ रख सकते हैं जिससे कि वो सुचारू रूप से अपना काम कर सकें और आप स्वस्थ रह सकें।
ऐसे पहचाने लिवर रोग के लक्षण:-
ज्ञात हो कि लिवर हमारे शरीर के 500 से भी ज्यादा वाइटल फंक्शन में मदद करता है, लेकिन आजकल खान-पान की गड़बड़ी के कारण लोगों में लिवर के रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में लिवर रोगों की शुरुआत में ही कुछ संकेतों और लक्षणों को पहचानकर अगर जीवनशैली बदल दी जाए तो लिवर के रोगों से बच सकते है…
लिवर खराबी के लक्षण और कारण…
पेट के दाहिने हिस्से में दर्द : पेट दर्द होने पर अक्सर लोग इसे सामान्य दर्द समझ लेते हैं या खाने की गड़बड़ी से होने वाला दर्द समझकर दर्द निवारक दवा खा लेते हैं। लेकिन अगर आपको पेट के दाहिने हिस्से में कुछ दिनों के अंतराल पर दर्द होता है, तो ये लिवर की बीमारी का संकेत हो सकता है। ये बीमारी लिवर इंफेक्शन, फैटी लिवर या लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।
पेट के दाहिने हिस्से में दर्द : पेट दर्द होने पर अक्सर लोग इसे सामान्य दर्द समझ लेते हैं या खाने की गड़बड़ी से होने वाला दर्द समझकर दर्द निवारक दवा खा लेते हैं। लेकिन अगर आपको पेट के दाहिने हिस्से में कुछ दिनों के अंतराल पर दर्द होता है, तो ये लिवर की बीमारी का संकेत हो सकता है। ये बीमारी लिवर इंफेक्शन, फैटी लिवर या लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।
पेशाब का रंग पीला : अगर आपके पेशाब का रंग गहरा या सामान्य से पीला है, तो ये भी लिवर की बीमारी का संकेत हो सकता है। अक्सर शरीर में बिलिरूबिन के बढ़ जाने के कारण पेशाब का रंग गहरा पीला हो जाता है। अगर आपको कई दिनों तक गहरे रंग की पेशाब आती है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
वजन कम होने लगना : कई बार लोगों का वजन बिना कारण ही अचानक कम होने लगता है। ये भी लिवर की बीमारी का संकेत हो सकता है। दरअसल लिवर हमारे शरीर में भोजन के पाचन से लेकर पोषक तत्वों के बंटवारे तक कई काम करता है। ऐसे में लिवर अगर ठीक से फंक्शन नहीं कर पाता है, तो शरीर को सभी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, जिससे व्यक्ति का वजन तेजी से कम होने लगता है।
पैर और एड़ियों में सूजन : पैरों और एड़ियों में सूजन भी लिवर के रोगों का संकेत हो सकता है। लिवर में खराबी होने पर ये स्वयं नए टिशूज का निर्माण शुरू कर देता है। ज्यादा टिशूज हो जाने से लिवर के काम में बाधा शुरू हो जाती है और इसकी वजह से आपका रक्तचाप बढ़ जाता है। इसके कारण पैरों में एक विशेष द्रव जमा होने लगता है जिससे पैरों में सूजन आ सकती है। आमतौर पर इस सूजन में दर्द नहीं होता है।
थकान और सुस्ती : थकान और सुस्ती भी लिवर में मौजूद गंदगी के कारण हो सकती है। दरअसल हमारे आहार को पचाने और इनसे पोषक तत्वों को अलग करने का काम लिवर ही करता है। ऐसे में अगर लिवर अपना काम ठीक से नहीं करेगा, तो आहार से न तो हमें पर्याप्त ऊर्जा मिलेगी और न ही पर्याप्त पोषण, ऐसे में शरीर का थकना और सुस्त होना तो लाजमी है।
शरीर में पीलापन : लिवर जब अधिक मात्रा में बिलिरुबिन नामक तत्व निकालना शुरू कर देता है, तो शरीर में पीलिया के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। बिलिरुबिन एक ऐसा तत्व हो जो लिवर के अंदर मर चुकी लाल रक्ति कोशिकाओं के टूटने से बनता है। इसका रंग पीला होता है इसलिए शरीर के बाहर इसके लक्षण पीलेपन के रूप में दिखते हैं।
ये है क्रोनिक किडनी के रोग?
किडनी रोग को नजरअंदाज करना कई बार खतरनाक हो जाता है। इसलिए इस रोग के भयानक रूप धारण करने से पहले ही इसका निदान किया जाना जरूरी है। और इसके लिए आपको इसके कारणों के बारे में पता होना चाहिए।
किडनी रोग को नजरअंदाज करना कई बार खतरनाक हो जाता है। इसलिए इस रोग के भयानक रूप धारण करने से पहले ही इसका निदान किया जाना जरूरी है। और इसके लिए आपको इसके कारणों के बारे में पता होना चाहिए।
किडनी को शरीर का संतुलनकारी अंग माना जाता है। यह शरीर में किसी भी चीज के कम या ज्यादा होने को संभाल लेती है। मुख्य तौर पर किडनी नमक और पानी को संतुलित करने का काम करती है। इसके अलावा और भी कई काम जैसे ब्लड बनाना, हड्डियों को मजबूत करना यानी विटामिन डी बनाना, ब्लडप्रेशर नियंत्रित करना और टॉक्सिन यानी विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालने जैसे काम किडनी करती है।
किडनी रोग को नजरअंदाज करना कई बार खतरनाक हो जाता है। इसलिए इस रोग के भयानक रूप धारण करने से पहले ही इसका निदान किया जाना जरूरी है। और इसके लिए आपको इसके कारणों के बारे में पता होना चाहिए। चलिए हम आपको किडनी रोग के मुख्य कारणों के बारे में बताते हैं।
किडनी खराबी के लक्षण और कारण…
डायबिटीज : आज डायबिटीज एक आम समस्या बन गई है। डायबिटीज शरीर में संतुलित हार्मोंस की कमी के कारण होती है। शरीर में एनर्जी का स्रोत शुगर स्टार्च होता है। जब शुगर स्टार्च को एनर्जी में परिवर्तित करने वाले इंसुलिन की शरीर में कमी होती है तो डायबिटीज के लक्षण शुरू हो जाते हैं।
डायबिटीज : आज डायबिटीज एक आम समस्या बन गई है। डायबिटीज शरीर में संतुलित हार्मोंस की कमी के कारण होती है। शरीर में एनर्जी का स्रोत शुगर स्टार्च होता है। जब शुगर स्टार्च को एनर्जी में परिवर्तित करने वाले इंसुलिन की शरीर में कमी होती है तो डायबिटीज के लक्षण शुरू हो जाते हैं।
शरीर में शर्करा का स्तर बढ़ने लगता है। डायबिटीज, क्रोनिक किडनी डिजीज होने का सबसे आम कारण है। डायबिटीज किडनी के फंक्शन को धीरे-धीरे कम कर देता है। साथ ही शुगर की उच्च मात्रा किडनी में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और क्रोनिक किडनी डिजीज का कारण बनती है।
हाइपरटेंशन : क्रोनिक किडनी डिजीज के होने का एक अन्य आम कारण उच्च रक्तचाप है, जिसे हाइपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है। उच्च रक्तचाप किडनी के कामकाज को प्रभावित करता है। भले ही किडनी की समस्या किसी ओर कारण से हुई हो, लेकिन हाइपरटेंशन इसे और भी खराब कर देता है।
संकुचित गुर्दे धमनी : गुर्दे की धमनी किडनी के समुचित कार्य को करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। साथ ही यह किडनी के लिए रक्त वहन करने का काम भी करती है। इस प्रकार से संकुचित या अवरुद्ध गुर्दे धमनी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। यह क्रोनिक किडनी की समस्याओं के सामान्य कारणों में से एक है।
सोडियम का अधिक सेवन : सोडियम सीधे किडनी को प्रभावित करता है क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को बनाए रखने में मदद करता हैं। बहुत ज्यादा सोडियम का सेवन हाई बीपी को बढ़ावा देता है। इसलिए यह कहा जाता है कि किडनी से सम्बन्धित समस्या होने पर हमें सोडियम से भरपूर खाद्य पदार्थ नही लेने चाहिए। डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, चिप्स, फास्ट फूड, जमे हुए भोजन, प्रसंस्कृत पनीर स्लाइस, नमक, प्रसंस्कृत मांस, मसालेदार खाद्य पदार्थ और केचप यह सभी सोडियम सामग्री के साथ पैक खाद्य पदार्थ हैं।