बाबा ने कहा कि मुझे पता चला है कि प्रशासन ने मुझे अनुमति नहीं दी है। मैं कलेक्टर से मिलकर जल समाधि लेने की कोशिश करूंगा। उन्होंने कहा कि मेरा यज्ञ निष्फल हुआ है और मैं भारत का सच्चा संन्यासी होने के नाते जल समाधि लूंगा। उन्होंने कहा कि मैं दिग्विजय सिंह की हार से अचंभित हूं और जनता ने जो फैसला किया है उसका सम्मान करता हूं। भारत का कोई भी संन्यासी अपने दिए हुए वक्तव्य से भाग नहीं सकता है। अगर प्रशासन मुझे अनुमति नहीं देगा तो भी मैं जल समाधि लूंगा।
दिग्विजय की जीत के लिए किया था यज्ञ
मिर्ची बाबा ने कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह को जिताने के लिए भोपाल में पांच क्विंटल लाल मिर्ची से यज्ञ किया था। इस दौरान बाबा ने कहा था कि मैं दावा कर रहा हूं कि दिग्विजय सिंह चुनाव नहीं जीते तो मैं जिंदा समाधि ले लूंगा। साथ ही उन्होंने कहा था कि दिग्विजय सिंह के लिए एक हजार साधु-संत भोपाल में प्रचार करेंगे। यज्ञ करने के बाद से ही बाबा भोपाल से लापता हो गए थे। दिग्विजय सिंह की हार के बाद से मिर्ची बाबा को लेकर सोशल मीडिया में तरह-तरह की खबरें सामने आ रही थीं।
स्वामी वैराग्यानंद निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर थे। लोकसभा चुनाव के दौरान वे दिग्विजय सिंह के लिए कैंपेन किए थे। चुनाव में हार के बाद निरंजनी अखाड़ा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। निरंजनी अखांड़ा ने कहा था कि यह सारी चीजें साधु-संतों को शोभा नहीं देती हैं। उन्हें अखाड़ा के नियमों के विरुद्ध काम किया है।