शिवराज ने दिया कंधा
बाबूलाल गौर का राजकीय सम्मान के साथ सुभाष नगर स्थित विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। बाबूलाल गौर के पोते आकाश गौर ने उन्हें मुखाग्नि दी। वहीं, उनके पार्थिव देह को भाजपा कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। यहां पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने अर्थी को कंधा दिया।
बाबूलाल गौर की तबियत जुलाई खराब होने के बाद गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल ( medanta hospital ) में भर्ती किया गया था। वहां, एंजियोप्लास्टी होने के बाद गौर 27 जुलाई को भोपाल लौटकर आए थे। भोपाल जिला अध्यक्ष विकास विरानी ने बताया कि बाबूलाल गौर अचानक बीमार हो गए थे और उसके बाद उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था।
बाबूलाल गौर के बीमार होने की खबर लगते ही भाजपा के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा बाबूलाल गौर के देखने अस्पताल पहुंचे थे। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट किया था। शिवराज सिंह चौहान ने कहा- पूर्व मुख्यमंत्री, आदरणीय बाबूलाल ग़ौर के अस्वस्थ होने की जानकारी मिली। ईश्वर से शीघ्र उनके स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। मध्यप्रदेश के सीएम कमल नाथ बाबूलाल गौर को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। यहां उन्होंने बाबूलाल गौर से कहा था कि आप ठीक हो जाइए फिर जापान यात्रा पर चलेंगे।
मजदूर नेता थे बाबूलाल
बाबूलाल गौर का जन्म 2 जून, 1929 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में हुआ था। सक्रिय राजनीति में आने से पहले श्रमिकों के हित में अनेक आंदोलनों में भाग लिया। भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक सदस्य बने। 1946 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। मध्यप्रदेश के बाहर दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों में भी जेपी आंदोलन में भाग लिया। आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल में भी रहे। 23 अगस्त 2004 से नबंवर 2005 तक बाबूलाल गौर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे पर चुनाव 2003 में हुए थे।
मध्यप्रदेश के सीएम रहे हैं बाबूलाल गौर
आपको बता दें कि बाबूलाल गौर 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके थे। उनके बाद शिवराज सिंह चौहान सूबे के मुख्यमंत्री बने थे। बाबूलाल गौर लगातार 10 बार गोविंदपुरा विधानसभा सीट से विधायक थे। 2018 के चुनाव में पार्टी ने उनकी जगह उनकी बहू कृष्णा गौर को टिकट दिया था। कृष्णा गौर गोविंदपुरा से पहली बार विधायक बनी हैं।