जहां होना था पौधरोपण, वहां हुए अतिक्रमण
बड़े तालाब के आसपास जिन क्षेत्रों में सघन पौधरोपण किया जाना था, वहां अतिक्रमण हो गए हैं। वर्ष 2017 में नगर निगम द्वारा कराए गए जीआइएस मैपिंग में बैरागढ़ के बोरवन को तालाब से दूर आबादी वाले क्षेत्र में बताया गया। बैरागढ़ कलां और इसके आगे ग्रामीण क्षेत्र में दलदली जमीन है, लेकिन यहां भी पेड़ नजर नहीं आते। कुछ पॉकेट्स में पेड़ हैं, लेकिन जितने का दावा किया जा रहा है, उससे काफी कम।
बड़े तालाब के आसपास जिन क्षेत्रों में सघन पौधरोपण किया जाना था, वहां अतिक्रमण हो गए हैं। वर्ष 2017 में नगर निगम द्वारा कराए गए जीआइएस मैपिंग में बैरागढ़ के बोरवन को तालाब से दूर आबादी वाले क्षेत्र में बताया गया। बैरागढ़ कलां और इसके आगे ग्रामीण क्षेत्र में दलदली जमीन है, लेकिन यहां भी पेड़ नजर नहीं आते। कुछ पॉकेट्स में पेड़ हैं, लेकिन जितने का दावा किया जा रहा है, उससे काफी कम।
बताए थे एफटीएल के 50 मीटर दायरे में 17 लाख पेड़
वर्ष 2002 में वेटलैंड अथॉरिटी के अस्तित्व में आने के बाद तालाब संरक्षण के लिए कई काम करने की बात कही गई, लेकिन हकीकत बिलकुल जुदा है। एफटीएल से 50 मीटर के दायरे में 17 लाख पेड़ों की मौजूदगी बताई गई। इसके बाद न तो इनकी संख्या बढ़ाने और न ही संरक्षण की दिशा में कोई काम हुआ। नगर निगम और सीपीए की फॉरेस्ट विंग को इसका जिम्मा दिया गया था। इसके बावजूद पेड़ों की गिनती तक नहीं की गई। वेटलैंड के नियमानुसार प्रति हेक्टेयर 1500 पेड़ होना चाहिए, जबकि हकीकत में इनकी संख्या बमुश्किल नौ सौ पेड़ प्रति हेक्टेयर बताई जा रही है।
वर्ष 2002 में वेटलैंड अथॉरिटी के अस्तित्व में आने के बाद तालाब संरक्षण के लिए कई काम करने की बात कही गई, लेकिन हकीकत बिलकुल जुदा है। एफटीएल से 50 मीटर के दायरे में 17 लाख पेड़ों की मौजूदगी बताई गई। इसके बाद न तो इनकी संख्या बढ़ाने और न ही संरक्षण की दिशा में कोई काम हुआ। नगर निगम और सीपीए की फॉरेस्ट विंग को इसका जिम्मा दिया गया था। इसके बावजूद पेड़ों की गिनती तक नहीं की गई। वेटलैंड के नियमानुसार प्रति हेक्टेयर 1500 पेड़ होना चाहिए, जबकि हकीकत में इनकी संख्या बमुश्किल नौ सौ पेड़ प्रति हेक्टेयर बताई जा रही है।
बड़े तालाब के ग्रीन एरिया में बड़ी संख्या में पेड़ होने का दावा वेटलैंड एटलस में किया गया है। इन पेड़ों का क्या हुआ, कितने नए पौधे रोपे गए और इनकी मॉनीटरिंग कौन कर रहा है, इसका जवाब मिलना चाहिए।
कमल राठी, अर्बन एक्सपर्ट
कमल राठी, अर्बन एक्सपर्ट