इस वजह से ही कंपनी ने अपना मुख्य सेंटर देवास में रखा है। यहाँ तैयार हो रहे बाँस उत्पादों से बाँस उत्पादक किसानों को भी लाभ पहुँच रहा है। कम्पनी मध्यप्रदेश सहित अन्य प्रांतों में बाँस का काम कर रही है। जिला प्रशासन की पहल पर कंपनी को नवरात्रि में प्रसाद वितरण के लिए बाँस पैकेट बनाने का आर्डर मिला, जिसे काफी सराहा गया है। अब कंपनी कटंग बाँस की पौध तैयार कर उन किसानों को भी उपलब्ध करा रही हैं, जो बाँस की खेती में रुचि रख अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं। बाँस की खेती कम पानी और कम लागत की है।
यह उत्पाद हो रहे हैं तैयार
स्थानीय कटंग बाँस से वर्तमान में लिविंग रूम, शयन कक्ष, भोजन कक्ष और बाथरूम फर्नीचर, रसोई उत्पाद, फ्लैश और पैनल दरवाजे, रंग विकल्प सहित प्रमुख उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। यहाँ तैयार फर्नीचर भारत के अलावा कई देशों में भी निर्यात किया जा रहा है। सामग्री तैयार होने के बाद अंत में शेष बचे बाँस के कचरे से बायो डीजल भी बनाया जा रहा है। स्थानीय महिलाएँ बताती हैं कि आधुनिक मशीनों के माध्यम से बाँस के डिब्बे सहित अन्य फर्नीचर का काम कर वे प्रतिमाह 10 से 15 हजार रूपये मासिक प्राप्त कर रही हैं।