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10 लाख रुपए की लूट, अंदर घुसते ही सीसीटीवी कैमरे कर दिए बंद

locationभोपालPublished: Oct 06, 2019 12:41:36 pm

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

10 लाख रुपए की लूट, अंदर घुसते ही सीसीटीवी कैमरे कर दिए बंद, स्ट्रॉन्ग रूम तक नहीं पहुंच पाए

भोपाल. कार्पोरेशन बैंक की पीछे की दीवार में छेद कर बदमाश बैंक में दाखिल हो गए। गनीमत रही कि बदमाश स्ट्रॉन्ग रूम तक नहीं पहुंच सके। बदमाशों ने बैंक के अंदर घुसते ही लाइट बंद कर सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए। सीसीटीवी कैमरों के रेकॉर्ड के अनुसार बदमाशों ने वारदात को एक अक्टूबर की रात साढ़े 10 बजे अंजाम देने का प्रयास किया था। गुरुवार सुबह बैंक पहुंचे कर्मचारियों ने दीवार में छेद देखा तो उनके होश उड़ गए। यह मामला बागसेवनियां थाना क्षेत्र का है।

थाना प्रभारी शैलेन्द्र शर्मा ने बताया कि शीतल तिवारी (37) शंकराचार्य होम्स, बागसेवनिया में रहती है। वह कार्पोरेशन बैंक की ओम नगर शाखा में प्रबंधक हंै। उन्होंने बताया कि मंगलवार रात अज्ञात बदमाशों ने सेंध लगाकर बैंक में पीछे की तरफ दीवार फोड़ दी।

बदमाश अंदर घुसे और उन्होंने सीटीटीवी कैमरे बंद करते हुए यहां-वहां तलाशी ली थी। कुछ सामान बिखरा मिला है। हालांकि, बदमाश स्ट्रॉन्ग रूम तक नहीं पहुंच सके। बुधवार को बैंक बंद होने के कारण किसी को घटना की जानकारी नहीं थी। गुरुवार सुबह जब कर्मचारी पहुंचे तो छेद देखा था। घटना के समय बैंक में दस लाख कैश था।

चौराहे के कैमरे पड़े बंद

मौके पर पहुंची पुलिस ने आसपास सीसीटीवी कैमरे के फुटेज तलाश किए गए। पुलिस मुख्य चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज सर्विलेंस रूम में चेक करने चाहे थे। इस दौरान पता चला कि उक्त कैमरे खराब पड़े हुए है। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।

तीन बिजनेसमैन ने हार्ट सेंटर को लगाई 28 लाख की चपत

इंदौर और राजधानी में संचालित साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग संस्था (हार्ट सेंटर) को तीन बिजनसमैन ने मिलकर 28 लाख रुपए की चपत लगा दी। तय समय पर करारनामा समाप्त होने के बावजूद आरोपी बिजनेसमैन कंपनी का ट्रेडमार्ड उपयोग कर कारोबार करते रहे। हबीबगंज थाना पुलिस ने जांच के बाद तीन आरोपियों पुष्पराज मुकीम, साकेत अग्रवाल और मनीष बागडिय़्ाा के खिलाफ ट्रेडमार्क एक्ट और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

थाना प्रभारी एसपी सक्सेना ने बताया कि साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग संस्था (साओल) के डायरेक्टर डॉ. विमल छाजेड़ हैं, संस्था की ओर से मप्र के अधिकृत अधिकारी डॉ. अरुण शर्मा हैं। डॉ. अरुण ने पुलिस को शिकायती आवेदन देते हुए बताया कि संस्था के डायरेक्टर डॉ. विमल ने 5 अक्टूबर 2013 को तीनों आरोपियों को भोपाल और इंदौर की फ्रेंचाइजी दी थी। तीनों ने अरेरा कॉलोनी में सेंटर खोला था। 28 फरवरी 2019 को फ्रेेंचाइजी निरस्त कर दी। इसके बावजूद संस्था का मोनो, लेटरपैड और ट्रेडमार्क उपयोग कर रहे थे।

 

जिन शर्तों पर फ्रेंचाइजी दी गई थी, वर्ष 2015 के बाद आरोपियों ने उन शर्तों का पालन नहीं किया। जबकि नियमत: आरोपियों को मासिक फीस के साथ 10 फीसदी मुनाफा संस्था को देना था। शर्तें पूरी नहीं होने पर कंपनी ने इसके बाद कंपनी की ओर से आरोपियों को लीगल नोटिस भेजा गया। लेकिन इसका भी उन पर कोई असर नहीं हुआ। इस पर कंपनी ने अपना एक व्यक्ति आरोपियों के सेंटर पर भेजा।

जहां काउंसलिंग के नाम पर उससे 200 रुपए जमा कराए। उक्त रसीद पर साओल का ट्रेडमार्क लगा था। इसे आधार बनाते हुए कंपनी के डॉ. अरुण शर्मा ने हबीबगंज थाने में शिकायत और पुलिस के सामने साक्ष्य पेश किए। जांच में पुलिस ने इसे ठगी माना और तीनों आरोपी पुष्पराज, साकेत और मनीष के खिलाफ धोखाधड़ी और ट्रेडमार्क एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। तीनों आरोपी शहर से बाहर रहते हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।

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