इसके चलते कर्ज माफी प्रक्रिया पर अघोषित ब्रेक लग गया है। सरकार ने लोकसभा चुनाव के दौरान आयोग से अनुमति मांगी थी कि जिन जिलों में मतदान हो गया है, वहां कर्जमाफी का लाभ किसानों को देने की अनुमति दी जाए। आयोग ने अनुमति भी जारी कर दी, लेकिन खजाना खाली होने से किसान के खाते में पैसा नहीं डाल पाए। अभी प्रदेश के 4.83 लाख किसानों को लाभ मिलना शेष है।
लोकसभा चुनाव से पहले शासन ने 25 लाख 81 हजार किसानों का कर्ज माफ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। आचार संहिता प्रभावी होने से पहले तक शासन 20 लाख 98 हजार किसानों के बैंक खातों में कर्जमाफी की राशि डाल चुका था। चार लाख 83 हजार किसानों के खाते में राशि नहीं पहुंच पाई थी। ये वो किसान थे, जिनका कर्ज 50 हजार रुपए अथवा उससे कम था।
यह सरकार से लेनदारी
– मध्य कालीन ऋण परिवर्तन योजना
– (ए ) ब्याज अनुदान में 84 करोड़
– (बी) समाधान लोन में 400 करोड़ रुपए
– जीरो प्रतिशत ब्याज में 629 करोड़ रुपए
– मुख्यमंत्री सहायता योजना में 100 करोड़ रुपए, यह योजना शिवराज सरकार ने जाते-जाते बंद कर दी थी।
50 हजार से ज्यादा कर्ज वाले शेष
दूसरे चरण में 50 हजार से दो लाख रुपए तक के किसानों का कर्ज माफ किया जाना था। इसकी प्रक्रिया चुनाव के बाद शुरू होनी है, लेकिन फिलहाल इसे सरकार कुछ दिन के लिए टालने की तैयारी की जा रही है। बताया जाता है कि इसकी मुख्य वजह बैंकों के पास पर्याप्त राशि नहीं होना बताया जा रहा है।
चार लाख किसानों का कर्ज गफलत में
चार लाख 42 हजार किसानों का कर्ज गफलत में है। इन किसानों से गुलाबी फार्म भराया गया है। किसानों का कहना है कि जितना कर्ज उन्होंने लिया था, उससे कम और ज्यादा रिकॉर्ड में दिखाया गया है। ऐसे आवेदनों की जांच पड़ताल जिला स्तर की कमेटी द्वारा की जा रही है। कमेटी की अनुशंसा के बाद ही कर्ज माफ किया जाएगा।
किसानों को मिलेगा नया ऋण
जिन किसानों का कर्ज माफ अभी तक नहीं हुआ है, उन्हें भी फसल और खाद-बीज के लिए ऋण समितियों और बैंकों द्वारा दिया जा रहा है। इस तरह के निर्देश सहकारिता विभाग ने सभी समितियों और बैंकों को जारी कर दिए हैं।
5 लाख किसानों को जमा करना पड़ेगा अंतर राशि
पांच लाख किसानों को पहले अंतर की राशि जमा करना पड़ेगी, क्योंकि इन किसानों पर दो लाख रुपए से अधिक का कर्ज है। जब तक दो लाख से ऊपर की राशि बैंकों में जमा नहीं करेंगे, तब तक उनका कर्ज माफ नहीं होगा।
आचार संहिता आज ही हटी है। अब हम इसकी समीक्षा करेंगे और ऋण माफी प्रकिया न रुके इसके प्रयास किए जाएंगे। बैंकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के भी उपाय किए जाएंगे।
– डॉ. गोविंद सिंह, सहकारिता मंत्री मप्र