बैंक ऑफ महाराष्ट्र की वकील निरंजना चौरसिया ने भी झूठी रिपोर्ट दी, जिसके आधार पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने दो अलग-अलग खाते खोलकर 3 करोड़ 97 लाख 76 हजार रुपए लोन जारी कर दिया। निरंजना ने रिपोर्ट दी कि यह जमीन क्लीयर है और कहीं पर बंधक नहीं है, इसलिए बैंक ऑफ महाराष्ट्र में इसे बंधक रखा जा सकता है। इस जमीन पर निर्मल को जरबेरा फूल और शिमला मिर्च की खेती करने के लिए 3.97 करोड़ लोन दे दिया। अब लोन की रकम बढ़कर 5.37 करोड़ हो गई। निर्मल चंद्र जैन, पुनीत कुमार जैन और सुमन जैन के साथ बैंक मैनेजर सहित वकील निरंजना चौरसिया ने षडय़ंत्र रचकर यह लोन की रकम निकाल ली। इसके चलते ईओडब्ल्यू ने वकील निरंजना, बैंक मैनेजर सुरेश पांडे सहित पांच के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
बेटे-पत्नी से गारंटी दिलवाई
निर्मल जैन ने षडय़ंत्र में बेटे पुनीत जैन और पत्नी सुमन जैन को भी शामिल कर लिया। पत्नी व बेटे को षडयंत्र का पता होते हुए उन्होंने इसमें सहयोग किया और बैंक में दोनों गारंटर बनें, इसलिए ईओडब्ल्यू ने इन दोनों को भी आरोपी बनाया है। इनके साथ सुरेश पांडे, तत्कालीन बैंक मैनेजर बैंक ऑफ महाराष्ट्र, निर्मल चंद्र जैन और बैंक ऑफ महाराष्ट्र की वकील निरंजना चौरसिया, शाहपुरा को आरोपी बनाया गया है।