शहर में अलग-अलग वर्गों की महिलाओं को जोड़ा
पहले लॉकडाउन के समय ही हमने शहर की गरीब बस्तियों में जाकर सेनेटरी पैड्स बांटना शुरू किया। तब हमें लगा कि अकेले कुछ लोगों के पैड दान करने से समस्या का समाधान नहीं होगा, क्योंकि एक बड़ा वर्ग इसकी अनुपलब्धता की परेशानी से जूझ रहा है। हमने शहर के अलग-अलग वर्गों की महिलाओं को भी जोड़ने का निर्णय लिया। प्रति महिला एक पैड दान में देने का लक्ष्य बनाया।
कार में हमेशा साथ रखती हैं सेनेटरी पैड्स के डिब्बे
दीपा ने बताया कि हमने 10 बैंकों में जाकर वहां सेनेटरी पैड्स कलेक्शन के डिब्बे रखे हैं। यहां आकर कोई भी पैड्स दान कर सकता है। इसके साथ बाजारों की कुछ प्रमुख लोकेशंस पर भी ये डिब्बे रखे गए हैं। मैं और ग्रुप के अन्य सदस्य अपनी कार में डिब्बा साथ लेकर चलते हैं। हम जहां भी जाते हैं, महिलाओं को इसके बारे में बताकर पैड डोनेशन करने के लिए प्रेरित करते हैं। अब तक हम 700 से ज्यादा महिलाओं से करीब 13 हजार पैड्स दान करवा चुके हैं।