सोशल मीडिया में चल रहे सेवा शुल्क बढ़ाने के संदेश को भारत के वित्त मंत्रालय ने नजरअंदाज करने को कहा है। हाल ही में मैसेज के बारे में रिट्वीट करके मंत्रालय ने कहा है कि 20 जनवरी से फ्री सेवाओं को बंद करने का कोई प्रपोजल नहीं है। यह एक अफवाह है। इसे नजर अंदाज किया जाए। मंत्रालय ने भी बैंकों से जुड़े संगठनों और बैंकों के ग्राहकों तक यह संदेश पहुंचाने की बात कही है कि यह सेवाशुल्क बढ़ाने की बात आधारहीन है।
सोशल मीडिया पर चल रहा है यह मैसेज
पिछले कुछ दिनों से भोपाल समेत मध्यप्रदेश के सभी जिलों में चल रहे मैसेज ने बैंक अकाउंट होल्डरों की नींद उड़ा दी है। मैसेज में कहा जा रहा है कि सरकारी और प्राइवेट क्षेत्र के बैंखों में जो फ्री सेवाएं दी जा रही हैं उन पर 20 जनवरी के बाद से चार्ज वसूला जाएगा। बैंक सेवा शुल्क लगाने जा रहा है।
गुस्से में है खाताधारक
इस मैसेज के बाद से ही बैंकों के खाता धारकों में सरकार और बैंकों के प्रति नाराजगी है। ग्राहकों का कहना है कि एक तो पहले ही मिनिमम बैलेंस के नाम पर एकाउंट से पैसे काटे जा रहे हैं, ऊपर से अन्य सेवाओं पर शुल्क लगाना बहुत गलत है। सरकार जमा पूंजी पर भी ब्याज कम कर रही है। फिर पैसा बैंकों में क्यों रखा जाए।
एमपी में है 1270 शाखाएं
-एसबीआई में आपका खाता है, उससे अलावा किसी दूसरी शाखा में जाकर बैंकिंग सेवा लेने पर भी अलग से शुल्क देना पड़ेगा। इस पर 18 फीसदी GST भी लगेगा। यह पैसा आपके ही खाते से काट लिया जाएगा। मध्यप्रदेश में भारतीय स्टेट बैंक की कुल 1270 शाखाएं हैं। इसके अलावा भोपाल में कुल 133 शाखाएं हैं। इनके अलावा अन्य बैंकों की भी ब्रांचेस हैं।
यदि शुल्क लगाया तो क्या होगा
-यदि आपका खाता भोपाल की एमपी नगर स्थित भारतीय स्टेट बैंक में है और आप न्यू मार्केट की शाखा में जाकर पैसा जमा करते हैं या निकालते हैं तो आपको इसके ऐवज में शुक्ल चुकाना पड़ेगा।
-कोर बैंकिंग का लाभ ले रहे लाखों बैंक उपभोक्ताओं के लिए यह फैसला ठीक नहीं लगेगा।
-बैंक के इस कदम के बाद पूरे देश में खाताधारक थोड़े प्रभावित होंगे। बैंकों का मानना है कि यह कदम सही उठाया जा रहा है। क्योंकि खाताधारक यदि अपनी घरेलू शाखा से अलग किसी अन्य ब्रांच में जाकर कोई सुविधा लेता है तो चार्ज तो देना पड़ेगा।
-भोपाल के न्यू मार्केट स्थित पंजाब नेशनल बैंक के एक अधिकारी ने यह भी कहा कि यह पूरा कदम ऑनलाइन बैंकिंग को बढ़ावा देने में कारगर साबित होगा। इससे लोग बैंकों में आने की बजाय ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ही कर लेंगे।
-एटीएम और कियोस्क मशीनों से पासबुक में इंट्री और पैसों का आदान-प्रदान अब भी निःशुल्क हो सकेगा।
क्या कहते हैं भोपाल के टैक्स सलाहकार
भोपाल के कर विशेषज्ञ विनय शर्मा के मुताबिक यह कदम ठीक नहीं है। शर्मा का कहना है कि इससे बैंक एक तरफा ऐसा फैसला ले रहे हैं, जिससे आम लोगों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। देश की जनता पहले ही भारी भरकम टैक्सेस से परेशान हैं, ब्याज दरों और बढ़ती कीमतों से भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
अब साहूकारों जैसा व्यवहार शुरू
अधिवक्ता दीपांकर जैन का कहते हैं कि अब बैंक जनता के लिए नहीं खुद के फायदे के लिए काम करने लगे हैं। बैंकों ने निजी साहूकारों जैसा व्यवहार शुरू कर दिया है। उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा भी होना चाहिए। बिना बताए खाते से शुल्क काट लेना, एक बड़ी लूट से जनता को अंधेरे में रखने जैसा ही साबित होगा।
ब्लैकमैलिंग है ये
सेवाकर से जुड़े रहे सेवानिवृत्त अधिकारी राजेंद्र प्रसाद शुक्ला विभिन्न शुल्कों पर GST लगाने का समर्थन करते हैं। उन्होंने बैंकों की मेन शाखा से अलग किसी अन्य शाखा में बैंकिंग सेवा लेने पर शुल्क लेने को गलत ठहराया है। यह ब्लैकमेलिंग है।
इस पर भी शुल्क
रुपए जमा करना, रुपए निकालना, KYC, पता बदलना, मोबाइल नंबर बदलवाना, नेट बैंकिंग और चेक बुक के लिए आवेदन।
इन बदलावों की चली बात
-सेल्फ चेक से अधिकतम 50 हजार रुपए निकाल सकते हैं। इस पर 10 रुपए की फीस चुकाना पड़ेगा।
-बचत खाते में प्रत्येक दिन अधिकतम दो लाख रुपए नकद जमा कर पाएंगे।
-करंट अकाउंट, कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट खाते में 25,000 रुपए जमा कराना मुफ्त रहेगा, इसके बाद हर 1000 रुपए पर ढाई रुपए शुल्क वसूला जाएगा।
-मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट के लिए 25 रुपए फीस चुकाना पड़ेगा।
-एटीएम का पिन या नया पासवर्ड लेने के लिए 10 रुपए चुकाना पड़ेगा।
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