विरोधी करार दे दिया जाएगा
दरअसल कुलपति कार्यालय और विद्यार्थी संगठनों के बीच परीक्षाओं के आयोजन को लेकर पिछले कई दिनों से गतिरोध बना हुआ है। प्रबंधन ने से नाराज होकर ऐसा आदेश जारी किया है जिसमें परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय विरोधी करार दे दिया जाएगा।
भोपाल नहीं आ पा रहे
विश्वविद्यालय प्रबंधन और विद्यार्थी संगठनों के बीच चल रही तकरार के बीच दूसरे राज्यों में फंसे ऐसे विद्यार्थी अब परेशान हैं जो कानूनी वजहों से भोपाल आकर परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के चलते दूसरे राज्यों में फंसे सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी भोपाल नहीं आ पा रहे हैं।
भविष्य दांव पर लगा हुआ
ऐसे मामलों में राजभवन की ओर से यह निर्देश दिए गए थे कि इस प्रकार के विद्यार्थियों की सूची तैयार कर उनकी परीक्षाओं का आयोजन विश्वविद्यालय प्रबंधन अलग से करवाए। कुलपति, प्रबंधन और विद्यार्थी संगठनों के बीच जारी तनातनी के बीच दूसरे राज्यों में फंसे विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है।
परीक्षाओं का टाइम टेबल नियमों के अनुसार जारी किया गया है। विश्वविद्यालय के नियमों के मुताबिक गाइडलाइन तैयार की गई है। अलग से परीक्षाओं के आयोजन को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है।
आरजे राव, कुलपति, बीयू
वर्तमान समय में विश्वविधालय के कई छात्र ऐसे है जो मध्यप्रदेश के बाहर के जिलों से आते हैं। अगर किसी कारण वश वे परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाते हैं तो उनके लिए विश्वविद्यालयों को अलग से परीक्षाओं का आयोजन करवाना चाहिए। परंपरागत मूल्यांकन की जगह वैकल्पिक मूल्यांकन के बारे में भी शासन विचार कर सकता है ,इसके लिए हमने लगातार राज्यपाल एवं विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी पत्र लिखा है।
अभिषेक त्रिपाठी, प्रदेश सहमंत्री, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद