विवि के वरिष्ठ प्रोफेसर्स का कहना है कि कुलपति और विवि प्रशासन को शोध गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहिए, लेकिन वे छात्र संख्या बढ़ाने के फेर में स्नातक स्तर के ऐसे कोर्स शुरू कर रहे हैं, जो संबद्ध कॉलेजों में पहले से हैं। यह ऐसे कोर्स भी नहीं है कि जिनमें पढ़ाई के बाद रोजगार मिल सके। प्रोफेसर्स का कहना है कि विवि में रिसर्च का माहौल ही नहीं है। इसके लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित ही नहीं किया जाता। जबकि विवि में मुख्यरूप से रिसर्च कार्य होने चाहिए।
विभागों ने किया इनकार
सूत्रों के मुताबिक कुलपति ने कई विभागों में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम शुरू करने की इच्छा जताई थी, लेकिन विभागों ने शिक्षकों की कमी बताते हुए इनकार कर दिया, जबकि लाइफ साइंस के अलावा फिजिक्स, इलेक्ट्रानिक्स सहित अन्य विभाग हैं। इनमें भी ऑनर्स कोर्स शुरू हो सकते थे।
सूत्रों के मुताबिक कुलपति ने कई विभागों में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम शुरू करने की इच्छा जताई थी, लेकिन विभागों ने शिक्षकों की कमी बताते हुए इनकार कर दिया, जबकि लाइफ साइंस के अलावा फिजिक्स, इलेक्ट्रानिक्स सहित अन्य विभाग हैं। इनमें भी ऑनर्स कोर्स शुरू हो सकते थे।
यह कोर्स शुरू किए
बीएससी जूलॉजी में 20 सीट हैं।
बीकॉम कॉमर्स में 60 सीट हैं।
बीए सोशियोलॉजी में 20 सीट हैं।
बीएससी जूलॉजी में 20 सीट हैं।
बीकॉम कॉमर्स में 60 सीट हैं।
बीए सोशियोलॉजी में 20 सीट हैं।
बीएससी जूलॉजी में 20 सीट हैं।
बीकॉम कॉमर्स में 60 सीट हैं।
बीए सोशियोलॉजी में 20 सीट हैं।
बीएससी जूलॉजी में 20 सीट हैं।
बीकॉम कॉमर्स में 60 सीट हैं।
बीए सोशियोलॉजी में 20 सीट हैं।
शोध के लिए दो-दो लाख दिए हैं
सीधी बात: प्रो. आरजे राव, कुलपति, बीयू
सवाल: शिक्षकों की कमी में नए कोर्स कैसे संचालित होंगे?
जवाब: शिक्षकों की कमी पर शासन को सोचना चाहिए। शासन कहता है कि नया कोर्स शुरू करो। नई शिक्षा नीति लागू होनी है। फिर भी हमारे पास गेस्ट फैकल्टी रखने की सुविधा है। दिक्कत नहीं होगी।
सवाल: 50 प्रतिशत पद खाली है?
जवाब: हां, इतने पद खाली हैं। जब तक रोस्टर क्लियर नहीं है, तो भर्ती कर हमें जेल जाना है क्या? रोस्टर ढंग से आ जाए तो हम लोग भर्ती कर लेंगे।
सवाल: शोध को बढ़ावा नहीं मिलता?
जवाब: शोध को बढ़ावा देने सिर्फ बीयू ने हर शिक्षक को दो-दो लाख रुपए दिए हैं। विद्यार्थी को फेलोशिप दी है। जबरन रिसर्च तो नहीं करा सकते। कुछ रिटायर्ड भी होने वाले हैं। अधिकतम शिक्षकों को प्रोजेक्ट दिए हैं।
सीधी बात: प्रो. आरजे राव, कुलपति, बीयू
सवाल: शिक्षकों की कमी में नए कोर्स कैसे संचालित होंगे?
जवाब: शिक्षकों की कमी पर शासन को सोचना चाहिए। शासन कहता है कि नया कोर्स शुरू करो। नई शिक्षा नीति लागू होनी है। फिर भी हमारे पास गेस्ट फैकल्टी रखने की सुविधा है। दिक्कत नहीं होगी।
सवाल: 50 प्रतिशत पद खाली है?
जवाब: हां, इतने पद खाली हैं। जब तक रोस्टर क्लियर नहीं है, तो भर्ती कर हमें जेल जाना है क्या? रोस्टर ढंग से आ जाए तो हम लोग भर्ती कर लेंगे।
सवाल: शोध को बढ़ावा नहीं मिलता?
जवाब: शोध को बढ़ावा देने सिर्फ बीयू ने हर शिक्षक को दो-दो लाख रुपए दिए हैं। विद्यार्थी को फेलोशिप दी है। जबरन रिसर्च तो नहीं करा सकते। कुछ रिटायर्ड भी होने वाले हैं। अधिकतम शिक्षकों को प्रोजेक्ट दिए हैं।