पार्क के लिए आरक्षित जमीन पर मल्टी का बोल्डर पड़ा है, हेल्थ सेंटर और कम्युनिटी हॉल कब और कहां बनेंगे? रहवासियों को बताया तक नहीं जा रहा। परिसर के १८ ब्लॉक में ३६ लिफ्ट लगी हैं, लेकिन एक भी चालू नहीं है। पाइप लाइन रोज फूट रही है। बीडीए के अफसरों से कई बार शिकायत कर चुके, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। सुविधाएं नहीं मिलने के कारण बहुत से लोग पजेशन लेने के बाद भी रहने नहीं पहुंच रहे हैं। खुद का मकान होने के बाद भी किराए के भवनों में रहकर समय निकाल रहे हैं।
प्रोजेक्ट में घाटा हुआ है
पार्क, हेल्थ सेंटर और कम्युनिटी हॉल निर्माण से बीडीए के अफसर हाथ खींच रहे हैं। गुरुवार को रहवासी शेष नारायण शुक्ला समस्याओं की शिकायत करने बीडीए के ऑफिस पहुंचे। सीईओ से बात की तो उन्होंने ने प्रोजेक्ट इंचार्ज इंजीनियर राजीव जैन के पास भेजा। राजीव जैन से पार्क, हेल्थ सेंटर और कम्युनिटी हॉल का निर्माण करने के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में घाटा बहुत हुआ है। जमीन आरक्षित कर दी है, जो संचालन करेगा, उसे जमीन आवंटित कर देंगे। बीडीए डेवलपमेंट नहीं करेगा।
एडवांस में लिया मेंटेनेंस चार्ज
बीडीए ने मेंटेनेंस के नाम पर खरीदारों से रजिस्ट्री के साथ ही एडवांस में वसूल कर ली है। वन-बीएचके फ्लैट से १० हजार और टू-बीएचके फ्लैट से १५ हजार रुपए लिए गए हैं। रहवासियों का आरोप है कि मेंटेनेंस चार्ज देने के बाद भी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। लिफ्ट बंद होने से पैदल पांचवीं और छठवीं मंजिल तक पहुंचना कितना मुश्किल होता है, हम ही जानते हैं।
कौन क्या कहता है….
बीडीए आवासीय परिसर में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं दे पा रहा है। १८ ब्लॉक में ३६ लिफ्ट हैं, सभी बंद हैं। कचरा उठाने की कोई व्यवस्था नहीं है।
मुकेश मिश्रा, ई-७/२०७ ईडब्ल्यूएस
एडवांस में मेटेनेंस चार्ज लेने के बाद भी सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। बीडीए ने जो सुविधाएं देने का वायदा किया था, वह पूरा नहीं किया है।
विद्याकांत पांडे, एल-२/५०६ एलआईजी
आवासीय परिसर में सुविधाएं नहीं मिलने की कई बार बीडीए के अफसरों से शिकायत की है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। डेवलपमेंट पूरा होने से पहले ही पजेशन दिया गया है।
शेष नारायण शुक्ला एल-१२/३०८ एलआईजी
बर्रई प्रोजेक्ट का मेंटेनेंस कार्य निजी एजेंसी को दिया जा रहा है। निजी एजेंसी के हाथ में काम जाते ही सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
संदीप केरकटा, डिप्टी सीइओ बीडीए
– आवासीय परिसर में कचरा कलेक्शन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
– पाइप लाइन बार-बार फूटने से जल सप्लाई प्रभावित हो रही है।
– परिसर में कई जगह चेंबर खुले पड़े हैं, हादसों का डर बना रहता है।
– स्ट्रीट लाइट बंद-चालू करने के लिए कर्मचारी नहीं है। दिनभर स्ट्रीट लाइट चालू रहती है।
– १६० करोड़ रुपए लागत
– १९७६ आवास
– ८९६ वन बीएचके फ्लैट
– १०८० टू-बीएचके फ्लैट
– ७०० से ज्यादा पजेशन
– १५० परिवार पहुंच रहने