दरअसल सुल्तानिया जनाना अस्पताल और इंदिरा गांधी महिला एवं बाल्य चिकित्सालय के बीच गंदे पानी की निकासी को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। सुल्तानिया अस्पताल का गंदा पानी बहकर इंदिरा गांधी अस्पताल की तरफ बनी नाली में जाता है।
इंदिरा गांधी अस्पताल हमेशा विरोध करता रहा है। लगातार विरोध के बावजूद जब सुल्तानिया अस्पताल ने अपने परिसर में नाली का निमाज़्ण नहीं कराया तो इंदिरा गांधी अस्पताल प्रबंधन ने अपने परिसर में बनी नाली के आगे दीवार खड़ी कर दी।
अब सुल्तानिया अस्पताल से निकला गंदा पानी परिसर में ही भरा रहता है। नवजातों और प्रसूताओं के साथ परिजनों पर भी खतरा शहर का सबसे बड़ा महिला अस्पताल होने के नाते सुल्तानिया अस्पताल में हमेशा भीड़ होती है। 235 बिस्तरों की क्षमता वाले इस अस्पताल में हमेशा 275 से ज्यादा महिलाएं भतीज़् रहती हैं। यही नहीं इन प्रसूताओं के साथ उनके नवजात भी रहते हैं। ऐसे में इनको संक्रमण का खतरा बना रहता है