17 महीने देरी से बना है बावडिय़ा आरओबी बावडिय़ा ओवरब्रिज का काम अगस्त 2016 में शुरू हुआ था। इसे अगस्त 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन ये 17 महीने देरी से तैयार हो पाया। सभी आवश्यक टेस्ट करने के बाद इसे शुरू करने का दावा किया जा रहा था, लेकिन अभी भी इसे अटका रखा है। 23 करोड़ की लागत से बने इस ब्रिज के शुरू होने से पांच लाख की आबादी को फायदा मिलेगा। इस ब्रिज से रोजाना 70 हजार वाहन बगैर रोकटोक गुजर सकेंगे।
श्रेय की होड़ में अटकी सुविधाएं
-बावडिय़ा ओवरब्रिज गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में आता है। यहां से भाजपा की विधायक हैं। ऐसे में ब्रिज निर्माण का श्रेय लेने की जद्दोजहद जारी है। सत्ताधारी दल इसे अपने खाते में जोडऩा चाहता है। नतीजतन लोकार्पण की तारीख पर पेच फंसा हुआ है।
-सुभाष नगर रेलवे ओवरब्रिज नरेला विधानसभा क्षेत्र में आता है। इसकी डेडलाइन भी पूरी हो चुकी है। रेलवे के हिस्से का काम बचा है, लेकिन इसकी रफ्तार सुस्त है। बड़ी आबादी को इसके शुरू होने का इंतजार है।
-डिपो चौराहा से पॉलीटेक्निक चौराहा तक पौने तीन किमी की स्मार्ट रोड में 90 मीटर का पेच नहीं सुलझा है। 40 करोड़ की लागत से बनी इस रोड पर यहां बॉटलनेक बनता है। महापौर आलोक शर्मा ने अपने कार्यकाल में इसे शुरू करने का दावा किया था। ऐसे में इसके जल्द शुरू होने के आसार नहीं हैं।
-छोटा तालाब पर किलोल पार्क से हाथी खाना की ओर बनने वाले आर्च ब्रिज का काम सुस्त हो गया है। इसे भी भाजपा शासित नगर निगम परिषद जल्द शुरू कराना चाहीहै, लेकिन ब्रिज की राह में मौजूद दो बाधाओं को दूर नहीं किया गया है। हालांकि इसमें देरी को लेकर पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
-बावडिय़ा ओवरब्रिज गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में आता है। यहां से भाजपा की विधायक हैं। ऐसे में ब्रिज निर्माण का श्रेय लेने की जद्दोजहद जारी है। सत्ताधारी दल इसे अपने खाते में जोडऩा चाहता है। नतीजतन लोकार्पण की तारीख पर पेच फंसा हुआ है।
-सुभाष नगर रेलवे ओवरब्रिज नरेला विधानसभा क्षेत्र में आता है। इसकी डेडलाइन भी पूरी हो चुकी है। रेलवे के हिस्से का काम बचा है, लेकिन इसकी रफ्तार सुस्त है। बड़ी आबादी को इसके शुरू होने का इंतजार है।
-डिपो चौराहा से पॉलीटेक्निक चौराहा तक पौने तीन किमी की स्मार्ट रोड में 90 मीटर का पेच नहीं सुलझा है। 40 करोड़ की लागत से बनी इस रोड पर यहां बॉटलनेक बनता है। महापौर आलोक शर्मा ने अपने कार्यकाल में इसे शुरू करने का दावा किया था। ऐसे में इसके जल्द शुरू होने के आसार नहीं हैं।
-छोटा तालाब पर किलोल पार्क से हाथी खाना की ओर बनने वाले आर्च ब्रिज का काम सुस्त हो गया है। इसे भी भाजपा शासित नगर निगम परिषद जल्द शुरू कराना चाहीहै, लेकिन ब्रिज की राह में मौजूद दो बाधाओं को दूर नहीं किया गया है। हालांकि इसमें देरी को लेकर पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
बावडिय़ा ओवरब्रिज पर एक नजर
-847.64 मीटर लंबाई
-12 मीटर है ब्रिज की चौड़ाई
-23 करोड़ रुपए लागत
-2016 में शुरू हुआ था काम
-24 महीने में पूरा करना था
-2019 में फरवरी तक बढ़ाई डेडलाइन
-05 लाख लोगों को मिलेगा फायदा
-847.64 मीटर लंबाई
-12 मीटर है ब्रिज की चौड़ाई
-23 करोड़ रुपए लागत
-2016 में शुरू हुआ था काम
-24 महीने में पूरा करना था
-2019 में फरवरी तक बढ़ाई डेडलाइन
-05 लाख लोगों को मिलेगा फायदा