शहर के 1 दर्जन से ज्यादा रूट पर इन बसों को चलाया जा रहा है लेकिन कई रूट पर बसों का डीजल खर्च भी नहीं निकल रहा है। अनलॉक के बाद शहर के नए पुराने रास्तों पर नई खरीदी हुई 178 मिडी बसों को चलाया जा रहा है। बीसीएलएल को इन रास्तों पर बस चलाने की सलाह उसकी सलाहकार कंपनियों ने दी थी जिन्होंने लाखों रुपए लेकर शहर में यात्रियों से भरे रास्तों का सर्वे किया था। लाखों रुपए का भुगतान करने, नई बसों को खरीदकर चलाने के बाद अब बीसीएलएल को इन रास्तों पर यात्रियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है जिसके चलते एक बार फिर बीसीएलएल घाटे में है। स्थिति से निपटने के लिए बीसीएलएल ने शहर में 15 नए रास्तों का चयन किया है। जल्द ही इन रास्तों पर बसों का संचालन किया जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि यहां यात्रियों की संख्या कितनी है। यदि यहां भी यात्री नहीं मिले तो इन बसों को बीसीएलएल ज्यादा यात्री संख्या वाले रास्तों पर चलाने के वैकल्पिक इंतजाम करेगा।
इन रास्तों पर खाली चल रही हैं बसें
बीसीएलएल के सबसे घाटे वाले रूट गांधीनगर से अयोध्या नगर वाया बोर्ड ऑफिस, पुतलीघर से आईबीडी हालमार्क, बैरागढ़ से सलैया एवं लालघाटी से कोकता रास्ते शामिल हैं। इन रास्तों पर नई मिडी बसों को चलाया जा रहा है। प्राइवेट कंपनी के सर्वे के बाद ही बीसीएलएल ने इन रास्तों पर नए वाहनों का संचालन करने का फैसला लिया था। अपना ही फैसला बीसीएलएल को महंगा साबित हो रहा है।
अभी इन रास्तों पर औसत कमाई – कोलार से बैरागढ़ चीचली – निशातपुरा से सलैया
– बैरागढ़ से करौंद – बैरागढ़ से कोच फैक्ट्री
– अवधपुरी से चिरायु – मंडीदीप से गांधीनगर
– रंगमहल चौराहे से अयोध्या नगर
– नेहरू नगर से कटारा हिल्स
– रातीबड़ से नादरा बस स्टैंड – लालघाटी से एम्स अस्पताल
– हबीबगंज से ओरिएंटल कॉलेज शहर के कई रास्तों पर औसत आमदनी प्रति लीटर 30 रुपए आंकी गई है। यात्री संख्या बढ़ाने वाले रास्तों पर अतिरिक्त 550 बसों को चलाने की योजना है। इसके लिए 15 नए रास्तों का चयन किया जा रहा है।
संजय सोनी प्रवक्ता बीसीएलएल