कलियासोत और केरवा के जंगलों में इस समय मादा बाघिन टी-21 से अलग हुआ युवा नर बाघ टी-121 पिछले एक माह से लगभग स्थायी ठिकाना बनाए है।
भोपाल. कलियासोत केरवा के जंगलों में इस समय बाघ, भालू और तेंदुए की तिकड़ी ने धमाचौकड़ी मचा रखी है। लगभग हर दूसरे दिन एक पालतू जानवर को ये अपना शिकार बना रहे हैं। एक माह में 20 से अधिक पालतू जानवरों का शिकार इन तीनों द्वारा किया जा चुका है। यही कारण है कि मंगलवार को रेंजर जितेंद्र गुप्ता ने कलियासोत वन चौकी में वन कर्मियों की बैठक भी की।
कलियासोत और केरवा के जंगलों में इस समय मादा बाघिन टी-21 से अलग हुआ युवा नर बाघ टी-121 पिछले एक माह से लगभग स्थायी ठिकाना बनाए है। इसी बीच यहां पर एक जंगली भालू और एक तेदुआ भी आ धमका है। एेसे में यहां पर एक साथ तीन मांसाहारी जंगली जानवर इकट्ठे हो गए हैं। जानकारों के अनुसार यहां पर पदस्थ रहे जानकार अधिकारी का हाल ही में दूसरी जगह स्थानांतरण हुआ, जिसकी वजह से वनकर्मियों को और भी समस्या खड़ी हो रही है।