इससे पहले काफी लोग जमीनों की रजिस्ट्री कराने से पहले रिकॉर्ड रूम से खसरों की जानकारी निकलवाते थे। लेकिन अब ये लिंक सीधे पंजीयन विभाग की वेबसाइट एमपीआईजीआर पर उपलब्ध है। इससे रिकॉर्ड रूम में कागज निकलवाने में लगने वाले समय की बचत भी होगी।
ये फायदा होगा
– जिले में कोई भी प्लॉट खरीदने से पहले उसके खसरे नंबर के आधार पर उसकी जांच कर सकते हैं। जमीन का उपयोग भी पता कर सकते हैं। ऐसे में कृषि जमीन पर कॉलोनी काटने वालों के चंगुल से बच सकते हैं। बाद में ऐसी कॉलोनियों पर प्रशासन कार्रवाई करता है।
– प्लॉट किस के नाम पर है, रजिस्ट्री करने वाला व्यक्ति सही है या नहीं, इसकी जानकारी भी इसमें की जा सकती है।
– इसे भू अभिलेख की साइट से भी लिंक किया है। इसमें किसी भी स्थान का नक्शा निकालकर उसे भी जांच सकते हैं। इसमें नक्शे पर ही खसरों के नंबर डले हैं। भूमि का प्रकार (1) शासकीय भूमि (2 ) निजी भूमि (3) अनलिंक भूमि, सब के बारे में बताया है।
प्रोजेक्ट की जांच भी कर सकते हैं इसी साइट में रेरा रजिस्ट्रेशन के ऑप्शन में जाकर राजधानी ही नहीं प्रदेश के किसी भी अप्रूव्ड बिल्डर के प्रोजेक्ट की जानकारी की जा सकती है। बिल्डर के पास किस विभाग की अनुमति है, उसका रेरा में रजिस्ट्रेशन है या नहीं। टीएंडसीपी से क्या नक्शा पास है और बिल्डर बना क्या रहा है। सब कुछ इसमें देखा जा सकता है।