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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार कर रही है आदिवासियों को साधने की तैयारी

locationभोपालPublished: Feb 19, 2019 10:34:33 am

Submitted by:

Ashok gautam

जबलपुर में कमलनाथ सरकार कराएगी २४ फरवरी को आदिवासी सम्मेलन, गोंडवाना राजा शंकरशाह और रघुनाथशाह का बंदीगृह बनाया जाएगा प्रेरण स्थल…

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कांग्रेस प्रचार

भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार किसानों के बाद अब आदिवासियों को साधने की तैयारी कर रही है। इसके लिए जबलपुर में 25 फरवरी को आदिवासियों का एक बड़ा सम्मेलन किया जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान सरकार क्रांतिकारी गोंड़वाना राजा शंकरशाह और रघुनाथशाह के नाम पर प्रेरणा स्थल बनाने की घोषणा करेगी। इस कार्यक्रम में जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, कटनी, डिंडोरी, सिवनी, मंडला, दमोह, सागर, उमरिया, अनूपपुर, शहडोल, सीधी, दमोह सहित 15 जिलों के गोंड़, भील आदिवासियों को बुलाया जा रहा है। इन क्षेत्रों में गोंडवाना राजा का काफी प्रभाव रहा है।

शंकरशाह, रघुनाथशाह के बंदगृह को प्रेरणा केन्द्र बनाने में करीब पांच करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। यहां इन दोनों गोंड़वाना राजाओं के पराक्रम और वीरता से जुड़ी कहानियों के संग्रह भी तैयार किए जाएंगे और प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी।

यहां आदिवासियों पर शोध और अध्ययन कार्य भी किए जाएंगे। जिन जगह इन दोनों राजाओं को अंग्रेजों ने बंदी बनाया था उसे स्थल और भवन को सजाया-संवारा जाएगा। वर्तमान में यह भवन वन विभाग के कब्जे में है और यहां उसका क्षेत्रीय कार्यालय लग रहा है।

सरकार ने उक्त भवन और भूमि को जनजातीय कार्य विभाग के नाम स्थानांतरण करने के लिए वन विभाग को कहा है। जिससे इस क्षेत्र का विकास कर प्रेरणा प्रेरण स्थल बनाया जा सके।


कौन थे ये राजा
शंकरशाह और उनके पुत्र रघुनाथशाह गोंडवाना राजा थे। ये दोनों अंग्रेजों के लड़ाई की तैयारी कर रहे थे। इसकी जानकारी 52वीं रेजीमेंट लेफ्टीनेंट जनरल क्लार्क को लगी और उसने दोनों राजाओं को 14 सितम्बर 1957 को गिरफ्तार कर लिया था और एक अस्थाई जेल में बंद कर दिया था, जिसमें वन विभाग का कार्यालय लगता है।

इसके बाद दोनों राजाओं को लड़ाई की तैयारी पर मांफी मागने के लिए गया गया था, लेकिन उन्होंने मांफी नहीं मांगी। जिससे 18 सितम्बर 1857 को अंग्रेजों दोनों राजाओं को तोप से उड़ा दिया गया था।

मंत्री मरकाम ने भेजा विभाग के पास प्रस्ताव
जनजातीय कार्य विभाग मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने विभाग के पास प्रस्ताव भेजा कि जिस अस्थाई जेल में गोंडवाना राजा शंकरशाह और रघुनाथ शाह को रखा गया था, उसे देखने मैं और मेरा बेटा 20 जनवरी 2019 को देखने गया था।

वहां उस बंदी गृह में वन विभाग का कचरा एवं कबड़ भरा हुआ था। यह देखकर मुझे बहुत कष्ट हुआ। मैं अपने बेटे के साथ मिलकर बंदीगृह का कचरा एवं कबाड़ साफ किया और संकल्प लिया कि देश को स्वतंत्रता देने वाले गोंडवाना राजाओं के बंदीगृह स्थल पर प्रेरण केन्द्र बनाएंगे।

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